✨मैं और मेरी पोती✨
साठ साल की उम्र मेरी अब
आठ बरस की पोती है।✨
बैठ बगल में आ के मेरे वह
धीरे धीरे कभी रोती है।✨
लिखना छोड़ मैं मध्य कभी
जब अर्ध यूँ सिर घुमाता हूँ।✨
ठीक बाएँ में देख उसे बड़े
प्यार से खूब सहलाता हूँ।✨
कहती हैं वह दादाजी!
मेरा तुमसे रहा ये वादा जी
मुझे तुम सा ही आगे बनना है।✨
काश लिखूँ मैं, लोग पढे़ं
अब दिल की यही तमन्ना है। ✨-
चल चली मैं भी
नन्हें कदमों से
तेरी ही निशानियों पे
थामे तेरा हाथ
तेरे मन की लौ
फिर से जलाने
एक उम्मीद जगाने
की
ऐ ज़िन्दगी!
अभी तो बहुत बाकी है
आज फिर से एक साथी है।-
Waqt Waqt ki Baat
मेरी मां कहती थी कि जब वह तेईस
वर्ष की थीं तब मैं पेदा हो गया था।
मेरी बेटी तीस साल की हो चुकी है
अभी तो उसकी शादी की दूर दूर तक
संभावना नहीं दिख रही है।
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भाग-४
मेरा गौना हुए दो साल बीत गए थे और मैं ससुराल में थोड़ा रच बस गई थी। अब सास को अपने पोते का मुँह देेखने की तम्मना ज्यादा ही हो गई। लगभग रोज ही वो बच्चे के बारे में बात करने लगी। पति नें बी.ए पास कर लिया था और सरकारी नौकरी के लिए इम्तिहान देने की तैयारी कर रहे थे। उनको खेती-बाड़ी से कोई लगाव नहीं था वो कभी खेतों में जा के झाँकते भी नहीं थे।सारा खेती का काम सास-ससुर ही सम्भालते थे। फिर एक दिन मुझे पता चला मैं गर्भवती हूँ। सास को पता लगा तो बहुत खुश हुई और पोता पाने के लिए दवाई वगैरह दिलवाई। मुझे किसी
साधु बाबा के पास ले गई उसने कुछ मंत्र दिए जो रोज सुबह नहा-धोकर पढ़ने थे। मेरे तो सपनों में प्यारी सी गुड़िया ही आती थी लेकिन सास के पोता पाने की चाह को पूरा करने के लिए मैंने सब कुछ किया जो भी उन्होंने कहा। कुछ महीनों बाद मीतु मेरी गोद में आ गई। सास पहले तो निराश हुई उन्हें सिर्फ पोते की ही उम्मीद थी लेकिन घर में पहला बच्चा होने के कारण मीतु जल्दी ही सबकी लाडली हो गई।
-To be continued
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न कोई चतुराई
न कोई चालाकी है,
दोनों की आँखों में भोलेपन की मस्ती है।
देखो! दादा की गोद में, पोती कितना मचलती है।-
तितली परियों की रानी की अपने मुख से कविता गाओ।
प्यारी पोती की फरमाइश बाबा कविता हमें सुनाओ।
एक शहर में नटखट लड़की नाम है जिसका गोरी।
वो अल्हड़ मृगवाला जैसी नटखट दिल की भोरी।।
वो बाबा के साथ घूमती कोयल जैसा गाती।
कभी रूठकर दूर भागती और कभी मुस्काती।
जादू की पुड़िया वो गुड़िया वो फूलों की डाली।
बाबा खुश होते जब गुड़िया खूब बजाती ताली।
जीवन में वो बढ़े बढ़ाए झूमे नाचे गाए।
रोशन नाम करे जब बाबा देख उसे मुस्काए।
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मेरी प्यारी पोती गौरी को समर्पित चंद पंक्तियां -
तू है सबसे हंसी, तू है सभी से जुदा,
तू ही मेरी इबादत, तू ही मेरा खुदा।
तेरी बातों में जादू, और सपने हसीं,
हर घड़ी मुस्कराए, यही दुआ है सदा।
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