पहली बार जब उसे देखा,
इतना प्यारा कौन है ये शक्स
दिल ने बार बार ये सवाल किया।
परियों और राजकुमारियों के किस्से
अब तक सिर्फ किताबो में पढ़ते थे,
उसे देखा तो सही मतलब समझ आया।
उसकी झुकी नज़रे देखी तो,
मेरे दिल की धड़कन बेकरार हो गई।
मेरी खामोशियां ही,
मेरे हाल ए दिल बयां कर रही थी।
पता ही नहीं चला
“मुझे कब उस से प्यार हो गया था”।-
जो दर्द मिलता है ,उसके बाद सब कुछ बदल जाता है।
टूट जाता है इंसान अंदर से और बस गुमसुम हो जाता है-
कितने इश्क़ किए हैं ये भी याद नहीं..
फिर भी ये लगता है पहला बाक़ी है !!-
लाख कोशिश करलो तुम
पेहला इश्क़ छुपाने की,,
मगर तुम्हारा हद में रेहना
साफ बयां करता है कि
यह तुम्हारा पेहला इश्क़ नहीं है...-
जब भी फसता हूं उलझनों में सुलझाती मेरी कलम हैं ,
नहीं समझ आती जब दुनियादारी समझाती मेरी कलम हैं ।
जब मारते हैं ठोकर सब अपनाती मेरी कलम हैं ,
मेरा तो दूसरा इश्क़ भी मेरी कलम हैं ।
क्युकी पहला इश्क़ तो हमेशा "मां" ही होती हैं न ।।-
इतने मोड़ थे कहानी में ,
सब रह गए हैरानी में।
जो उलझे थे रिश्ते सब टूट गए,
बस ज़रा सी खींचा-तानी में।
फ़िर असर ये हुआ जुदाई का,
उसका चेहरा नज़र आने लगा पानी में।
अब क्या करूं पहला इश्क़ था,ले डूबा,
मै भी गलती कर बैठी नादानी में।-
अंधेरे कमरे जो दिखते है
वो मेरे मरे हुए ख़्वाब है,
दूसरा कोई हम पर कैसे यकीन करे
पहले इश्क के दिल पर अब भी दाग है।-
पहला इश्क कोरे कागज़ पे लिखे उस शब्द के जैसे होता है,
जो कभी कहानी पूरी नही कर पाता।
मगर उस शब्द को पढ़ने वाला पूरी कहानी समझ जाता।।-