एक बार देख तो लेता मेरी तरफ,l
तुझसे दिल मैने लगाया था,,
यूं मसला नहीं कमी है मेरे पास,,
हसीनों को ठुकरा कर ही तेरे पास आया था,,
तू मिल रही गैरो से , प्यार क्या हमसा पाया है,,
ओर वो देगा क्या तेरा साथ उम्र भर के लिए पुछना
जिसके लिए तुमने हिमदिल को ठुकराया था ,,
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@himanshu_himdil and snapchat 🆔 himanshusha7615
If you rea... read more
आजकल हमारे पैरों में गिरने वाले,,
कुछ साल पहले हमारे जख्मों पर नमक लगाते थे,,
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वो मेरी नहीं है अब, क्यों दिल आज भी फिक्र उसकी करता है,,
जो नहीं हाथों की लकीरों में मोहब्बत भी दिल उसी से करता है,,,-
सपने टूटे , बिखरा था मैं,, आंखों में बस पानी था,,
दर्द कितना ,किससे कहूं , ना कोई सुनने वाला था,,
संगमरमर सा शरीर मेरा, बुद्धि में ना कोई शानी था,,
सच्चाई छूटी , उम्मीदें टूटी, आंखों में बस पानी था,,,
कैप्शन पढ़ें ,,
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कोई साथ में नहीं हिमदिल वक्त भी आईना दिखा रहा,,
ईमानदारी बिकती बाजार में , ये जमाना समझा रहा,,
बड़ी उलझन मैं हूँ ,बदलूं या खुद को ऐसे ही रहने दूं,,
नसीब ही है ये क्या जो हमें लोगो के आगे झुका रहा ,,,
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इश्क़ मोहब्बत वो जातने आया है,,
पूछना उससे क्या फिर से रुलाने आया है,,
हिमदिल हम वो नहीं इश्क को बिस्तर तक सीमित कर दे,,
बता देना उनको हमने इश्क को इबादत सा बनाया है,,
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गुलाब किसको दूं , इसका हकदार मिलता नहीं,,
कोई चेहरा बिन नकाब अब दिखता ही नहीं,,,
जो रहे ताउम्र हमारे साथ हमारा बनकर,,,
ऐसा प्यार अब कही दिखता ही नहीं,,,
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सबने मोहब्बत की हमेशा चेहरे से , हैसियत से , काबिलीयत से,पैसे से,..
हिमदिल ये ,लब्ज़, जज्बात, एहसास , निभाने की बात किताबों में ही सजती है,,,-
इतना समझ आ गया हिमदिल, किसी का पास्ट मत पूछना,,
कोई स्त्री यहां अब सीता नहीं , ना ही अब कोई पुरुष राम रहा ,,,
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लोगों की सुननी पड़ती है, ठोकरें जब जिंदगी में लगती है,,
पानी कम रह जाता तालाब में, मछलियां भी मरने लगती हैं,,
दंभ भरते हैं लोग कि की दुनिया में इतने मेरे अपने है l
बुरे वक्त मे फिर ये महफिल ना सजती और ना दिखती है,,,
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