आज से नवरात्रा शुरू है पर
गांव, पटना देश से दूर रहना
बहुत अखर रहा है।
-
बिहार
भोले बाबा के अनुयायी , भोले स्वभाव हैं ।
बोल बंम बोल बंम बोल बंम
यह ज्ञान की धरा ,
यहाँ गुरुओं का तपोवन और ब्रह्मज्ञान है ।
बुद्ध महावीर की ज्ञानस्थली ,
शरीर और मन के ऊपर यहाँ मिलता आत्मज्ञान है ।
इस तपोवन में गंगा जीवन उल्लास लिए
सींचती हम में प्राण है ।
पशु पँछीयो से घिरे ,
भोले और मेहनतकस्त इन्शान हैं ।
कृषि हमारी संस्कृति में ,
मेहनत की मीठी रोटी और साग है ।
हमारी त्योहरों और सभ्यता में कृषि का ही गुणगान है ।
जीवन की कठिनइयों में भी ,
सरल और भोला स्वभाव है ।
आम जैसी खट्टी मीठी यादों में बसा हमारा बिहार है ।-
पटना पहुँचा हूँ!
कुछ दिन यहीं रहूँगा।
पटना तुझसे नाता गहरा
पूरी कविता कैप्शन में-
सीवान के कहानी सा कोई हो तो बताए,,
सोनपुर मेला के रानी सा कोई हो तो बताए,,
मुज्जफरपुर के लीची सा मिठास हो तो बताए,,
छपरा के सुकून के छाव सा कोई हो तो बताए,,
हाजीपुर के केले की बात है अनोखी,,
और पटना राजधानी से कोई हो तो बताए,,
-
पटना की traffic
और आपकी याद दोनों एक जैसी है
कभी भी आ जाती है!!!-
हम रेती के फूल, कहो, कैसे जीते हैं ?
जड़ में है जो धूल
आग है, चिनगारी है।
सूख रहा है मूल,
ताप रवि का भारी है।
सिकताओं का देश,
चमकता जो, मृगजल है।
नहीं मृत्ति का लेश, कहो कैसे जीते हैं ?-
गंगा की लहरों पर असंख्य दीप जो जल गए
फलक के सितारे उन्हें देख देख जल गए...
कभी कभी ही सही, ज़मी के सितारों से ये
जहाँ भी सजता है,
यूं गुमां न कर ओ आसमां एक आकाशगंगा
हमारे यहां भी बसता है।...-
सुबह-सुबह आज, एक हसीन दुर्घटना हो गई
मैं उसका 'बिहार' और वो मेरी 'पटना' हो गई
- साकेत गर्ग-
दुल्हा और सहबाला नदारद
और बाढ़ की नगर में आमद
जेडीयू और बीजेपी का ब्याह
गठबंधन टूटने को है अब स्याह
और बारातियों की हालत है ख़राब
जाएँ तो वो आख़िर किधर जाएँ जनाब
बाढ़ ने है घेर लिया सड़क ने धान का मेड़ लिया
अब होगी नगर में धान की रोपाई बीज किसने लिया
अब शहर है तो ज़ाहिर है उच्च नस्ल की बिजाई होगी
और फ़िर बाद बैलगाड़ी से धान काट कर ढुलाई होगी-