चरित्र ठीक जो रहता तो खुदा का नाम देता मै,
खुद को तुझसे ही बिछड़ जाने का इल्जाम देता मै,
मगर तू बेहया बेशरम की परछाई बन गई है,
तू ही बता ऐ बेवफा तुझे क्या नाम देता मै,-
Mujhe padhne ke baad mujhe janne ki kosis to... read more
सूरत देख कर उसका किरदार नजर आता है,
मुस्कान लिए चौखट पर खड़ी कातार नजर आता है,
बदले हजार मुखौटा छुपाने को हकीकत,
चरित्र तो फिर भी बेकार नजर आता है,-
कोई टूट कर अगर बिखर जाए तुमपर तो समेट लेना,
लपेट लेना अपने सपनो के बोरियां में,
बता देना धीरे से कानों में उसके,
जो टूटे हुए पत्ते सा बिखेरा है तुमको,,
रूह तक दिल का तार झंझोर है तुमको,,
धीरे धीरे ही सही नया वीणा का रूप दूंगा,,
नया धुन बनाऊंगा नया सूरज का धूप दूंगा,,
फिर सबेरा खिल उठेगा फिर पत्ते उगेंगे,,
मैं ऐसा ऐसा नजाने कैसा कैसा स्वरूप दूंगा।।-
Aaj 14 april hai ...baba saheb bhim rao ambedkar ki jayanti ...
Aaj ke hi din maine anjane me yq par id banaya tha...
Aur yahi se mere jeevan me bahut utar chadao aaye..
Bahut kuchh khoya bahut kuchh paya...
Yahi to jindagi hai yah rukti kaha hai bus chalte rahti hai ...bus chalte rahti hai ...
Kasak rah jaati hai to kuchh bebas lamho ki ...adhure sapno ki ...-
वह एक ऐसा बुद्धिस्ट राजा था,
दुश्मनों के लिए वह सजा था,
हुंकार करके टूट पड़ता था,
खून भी उसका ताजा था।
कोई नहीं उसको रोकता था,
न कोई उसका रोक था,
चक्रवर्ती था महान था वह,
नाम जिसका सम्राट अशोक था।-
शब्दों के मोती पिरोए हुए हो,
नजाने कितनो के साथ सोए हुए हो,,
सोचते हो छुपा लोगे तुम दाग बेवफाई का,
किस रंग से ये दामन धोए हुए हो,,-
त्यौहार है खूबसूरत चाहे ईद हो या नवरात्र।
यही तो हमारे देश की खूबसूरती है यही तो है अलग बात।।
मिल जुल कर रहो और करो एक दूसरे का सम्मान।
तुम्हारी जान जैसी है वैसी ही है मेरी जान।।-
किसी को आपबीती अपना मान सुना बैठा हु।
दिल में दफन हुए वह राज बता बैठा हु।।
सोचा था वह भी खोल देगा दिल के तार सारे।
हमें पता न था परायों को अपना बना बैठा हु।।-