निशी अनल   (निशी)
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शब्द ही मेरा सब है
Joined 25 December 2020


शब्द ही मेरा सब है
Joined 25 December 2020
6 APR AT 22:22

थोड़ी सी खुशियों के लिए
सब क्या - क्या कर गुजर जाते हैं ...
हम बिखरे फूलों को बटोरकर
पुल्कित हर्षित विस्मृत आनंदित
भाव-विभोर हुए जाते हैं ।।।।

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2 APR AT 20:47

खुशियां अपनी मौसमी होती हैं
और गम सारे सदाबहार।।।

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30 MAR AT 22:26

वो शहर भी तुम्हारा था
और गली भी तुम्हारी,
हम गुमशुदा हुए
और मिले नहीं अब तक,।।

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28 MAR AT 21:37

रौशनी के साथ खेल शुरू होता है
रफ़्तार का...
अंधेरे आराम लेके आराम से उतरते हैं।

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24 MAR AT 20:51

कौन खेलता है भला रंगों से??
हमें तो कुदरत का हर रंग
देखना पसंद है।।।।

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19 MAR AT 21:52

इश्क़ फिर से लिबास बदल आएगा
बागों में जब जब मधुमास मचल आएगा।।

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18 MAR AT 22:08

कागज से तुम
हर्फ़ों से हम
लो पूरी हो गई एक नज़्म....

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18 MAR AT 4:01

जहां से भी आया हो...
बस! महसूस कर लिया इस सुगंध को,
कंक्रीट के जंगलों में आधा अधूरा ही
बसंत पहूंच पाता है ।

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17 MAR AT 7:12

रंग रंगीली सुबह आज सुवासित है
अमराई से देखो ...
शाख- शाख सब पात पात आह्लादित है
पुरवाई को छू के।।।।

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13 MAR AT 22:28

एक यथार्थ भी हो ख्वाब सा
फिर कौन घंटों बेसुध रहेगा।।।

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