थोड़ी सी खुशियों के लिएसब क्या - क्या कर गुजर जाते हैं ...हम बिखरे फूलों को बटोरकरपुल्कित हर्षित विस्मृत आनंदित भाव-विभोर हुए जाते हैं ।।।। -
थोड़ी सी खुशियों के लिएसब क्या - क्या कर गुजर जाते हैं ...हम बिखरे फूलों को बटोरकरपुल्कित हर्षित विस्मृत आनंदित भाव-विभोर हुए जाते हैं ।।।।
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खुशियां अपनी मौसमी होती हैंऔर गम सारे सदाबहार।।। -
खुशियां अपनी मौसमी होती हैंऔर गम सारे सदाबहार।।।
वो शहर भी तुम्हारा थाऔर गली भी तुम्हारी,हम गुमशुदा हुएऔर मिले नहीं अब तक,।। -
वो शहर भी तुम्हारा थाऔर गली भी तुम्हारी,हम गुमशुदा हुएऔर मिले नहीं अब तक,।।
रौशनी के साथ खेल शुरू होता हैरफ़्तार का...अंधेरे आराम लेके आराम से उतरते हैं। -
रौशनी के साथ खेल शुरू होता हैरफ़्तार का...अंधेरे आराम लेके आराम से उतरते हैं।
कौन खेलता है भला रंगों से??हमें तो कुदरत का हर रंग देखना पसंद है।।।। -
कौन खेलता है भला रंगों से??हमें तो कुदरत का हर रंग देखना पसंद है।।।।
इश्क़ फिर से लिबास बदल आएगाबागों में जब जब मधुमास मचल आएगा।। -
इश्क़ फिर से लिबास बदल आएगाबागों में जब जब मधुमास मचल आएगा।।
कागज से तुमहर्फ़ों से हमलो पूरी हो गई एक नज़्म.... -
कागज से तुमहर्फ़ों से हमलो पूरी हो गई एक नज़्म....
जहां से भी आया हो...बस! महसूस कर लिया इस सुगंध को,कंक्रीट के जंगलों में आधा अधूरा हीबसंत पहूंच पाता है । -
जहां से भी आया हो...बस! महसूस कर लिया इस सुगंध को,कंक्रीट के जंगलों में आधा अधूरा हीबसंत पहूंच पाता है ।
रंग रंगीली सुबह आज सुवासित हैअमराई से देखो ...शाख- शाख सब पात पात आह्लादित हैपुरवाई को छू के।।।। -
रंग रंगीली सुबह आज सुवासित हैअमराई से देखो ...शाख- शाख सब पात पात आह्लादित हैपुरवाई को छू के।।।।
एक यथार्थ भी हो ख्वाब साफिर कौन घंटों बेसुध रहेगा।।। -
एक यथार्थ भी हो ख्वाब साफिर कौन घंटों बेसुध रहेगा।।।