अपनी नफ़रत को दिल से मिटा दीजिए !
बात जो भी हो दिल की बता दीजिए !!
खो गई ये जमीं खो गया आसमां !
हो सके तो इन्हें आसरा दीजिए !!
कब तलक दर्द हम यूं ही सहते रहें !
आज तो मुझको साकी पिला दीजिए !!
बात आए अगर इस वतन की मेरे !
शान से अपना सिर भी कटा दीजिए !!
मंजिलें तुमको सारी यूं मिल जाएगी !
हौसलों को जरा सी हवा दीजिए !!
भूख से जिनके घर में अंधेरा हुआ !
उनके घर में भी दीपक जला दीजिए !!
आज फिर इक नया जख्म कृष्णा मिला !
आप चाहो तो इसकी दवा दीजिए !!-
मोहब्ब्त-नफ़रत सब एक साथ आए हैं,
मेरी महबूब के लिखे खत हाथ आए हैं...-
प्यार खुशी है
खुशी घुटन में मर जाती है
प्यार आज़ादी है
आज़ादी बहुत त्याग मांगती है
प्यार त्याग है
त्याग हमेशा स्वेच्छा से होता है
नाराज़गी या नफरत से नही
प्यार नफरत नही है
पर नफरत और प्यार
एक रूप से समान है
नफरत तोड़ देती है
प्यार भी तोड़ देता है।-
नफरत करने वालों से भी प्यार करो, तो कोई बात बनें।
अपनें जीवन का कुछ यूँ आधार करो, तो कोई बात बनें।
अमीरों की खातिर हर कोई, जान हथेली पे रखता हैं
गरीब के हक में जान निसार करो, तो कोई बात बनें।
बेटी है तो क्या हुआ, उसके भी कुछ अरमान हैं
उसे भी बेटे जैसा दुलार करो, तो कोई बात बनें।
वो दुल्हन बनकर आयी है, तुम्हारे घर आंगन में
उससे मायके वाला प्यार करो, तो कोई बात बनें।
यूँ तो सब सजते-संवरतें हैं, इस शरीर के लिये
तुम "आत्मा का श्रृंगार करो", तो कोई बात बनें।
चूमकर कदम माँ-बाप के, शुरुआत हो दिन की
अपने घर के ऐसे संस्कार करो, तो कोई बात बनें।-
मिटा देंगे हर नफरत काे अौर इस कदर हर रिश्ता निभाऐंगे,
गर खड़ी रहेगी नफरत रास्ते पर उसे भी हम प्रेम के जल में भिगाकर रब जैसे सागर में मिल जाएंगे!-
कभी तुम चलके चुपके से मेरी दुनियां में आए थे
बड़ी मुश्क़िल से जाना हम तुम्हें अपना बनाए थे,
कहा था तुमने हमसे ये कि हर वादा निभाएंगे
हो चाहे कोई भी मुश्क़िल अज़ल तक साथ जाएंगे,
जो दिल तोड़ा ही तुमने है तो तुमसे क्या बताएंगे
ख़ुद ही ज़ख़्मों पे अपने हम अब मरहम लगाएंगे,
लगा है दाग़ दामन में तो इसको भी मिटायेंगे
ये नफ़रत ही सही जानां बख़ूबी हम निभाएंगे,
चलो कहते हैं अलविदा तुम्हें अब ना सताएंगे
मेरे ख़ातिर तुम तड़पोगे मगर अब हम ना आएंगे..!-
मुझसे इतनी नफ़रत,
ये जानकर अच्छा लगा !
शायद अभी तक मैं तुमसे अंजान था !!-
उन लोगो जैसे
जिनके दिल मे नफरत और ऊपर से
प्यार का दिखावा करते है
नही बनना मुझे
उन लोगो जैसे
जो सिर्फ अपने बारे में हमेशा सोचते है
जो सिर्फ अपना भला सोचते है
जो कभी वक़्त की नजाकत को भी नही समझते
नही बनना मुझे उन लोगो जैसे।-
देख मुझे तेरा अब कुछ भी समझ नहीं आता
तेरी नफरत तेरा प्यार अब कुछ भी नही भाता-