QUOTES ON #ननद

#ननद quotes

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7 NOV 2019 AT 18:11

"ननदें"

आप हो अपने आँगन की सोंधी-सी मिट्टी की खुशबू...
रचे-बसे हो कोने-कोने में हर चीज की खबर रखते हो...

माँ की सुबह वाली कड़क चाय से लेकर पापा की मीठी आदत तक...
भाई की हर छोटी-बड़ी बात जो पहुंचे नहीं किसी तक...

इनके प्रेम से भाभी का रचा-बसा संसार है...
सासूमाँ भी अक्सर ढुढती बहु में बेटी का प्यार है...

ननदें होती ही प्यारी हैं आप होती जबतक मायके है...
घर की खुशहाली और भाभी की सहेली है...

ननद बड़ी हो तो संभाल लेती कई बार है...
ननद छोटी हो तो छुपा लेती कई बात है...

सबके दिल तक पहुंचने का रास्ता है...
रिश्तों में ननद का मान ऊँचा है...

भाभी भी जी लेती कई कायदा है...
ननद से ही तो ससुराल भी मायका है...

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14 MAY 2017 AT 11:48

अपने परिवार में कभी इतना भार न उठाया, 
जितना तुमने ससुराल में आके सीखा और सिखाया |
शादी करके आयी थी, कोमल से हाथों से
तुमने हमेशा घर में हाथ बटाया |
सास, चाची, ननद और लोगों के ताने ,
तुम्हे कुछ भी चुभने न पाया |
दिन रात मेहमानों की खातिरदारी में
कितना समय लगाया |
हर एक के हुक्म पर, उन्हें चाय बनाकर पिलाया |
दिन की कड़ी धूप में, है पापड़ तुमने सुखाया |
वहीं शाम की ठंडी छाँव में, पौधों को पानी पिलाया |
हर घंटे की मेहनत ने तुमको कभी ना पीछे हटाया | 
दर्द महसूस करके भी तुमने, हमको कभी ना जताया |
सबकुछ अच्छा हो, तुमने शायद प्रण था ऐसा बनाया |
बच्चों की रक्षा के लिए, हर एक कदम उठाया |
रोज़ रात को गरम दूध देकर ही तुमने सुलाया |
नारी के रूप में भगवान ने, है तुमको बनाया |
तुमने अपने ममत्व से, पूरे आँगन को महकाया |
हे भगवन ! तुम्हे शत शत नमन जो , 
ऐसी माँ से हमने जन्म है पाया |


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25 APR 2020 AT 13:47

ये जो भाई लोग हम बहनों पे अपना हुकुम चलाते हैं
और हमें डाँट के अपना काम करवाते हैं न
उसी का बदला हम लोग भाभियों से लेते हैं
फिर आप लोग बोलते हैं कि ननद बुरी होती है
😕

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26 JAN 2020 AT 19:42

एक हक़ीक़त ऐसी भी - कुमार
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अच्छी ननद/भाभी सबको चाहिए, पर बनना नहीं चाहती,
यही हक़ीक़त है दुनिया की, और यही रीत है चलती आती!

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4 MAR 2020 AT 18:36

होली में विदा होकर नई भावज घर को आई हैं।
युवा देवर को निहार मन ही मन में मुसकाई हैं।।१
संग में पीहर से ससुराल बैना दौड़ा भर लाई हैं।
केला ठेकुआ खाजा गाजा लड़ुआ मैंने खाई है।।२
मदमास में उन्मत्त भैया भाभी प्रेम की मारी हैं।
ननद बैठ है काव्य रच रही फगुआ की बारी है।।३
बनारसी साड़ी में सरसों कली भाभी हमारी हैं।
भैया हैं कनेर पुष्प से पीत वर्ण भाभी प्यारी हैं।।४
कंञ्चन बाली कान की मुझे भाभी देती हैं नेग।
मैं कहती हूँ हाय भाभी! मिलन को उमड़ी वेग।।५
सुनो भाभी भतीजा-भतीजी को देखने जल्दी।
भाभी कहतीं की आपको लगेगी जल्दी हल्दी।।६

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28 NOV 2017 AT 10:37

अंतर
मेरे भाई बहिन आए हैं
मै ध्यान नहीं रखुँगी तो
और कौन रखेगा?
.💖💖💖💖💖💖
ननद.क्या सिर्फ मेरी ही है
और भी तो भाभी भाई हैं
💔💔💔💔💔💔💔
और फिर ये कहना कि..
ननद हमको चाहती नहीं
हम बुलाते तो हैं पर वो आती नहीं

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28 NOV 2017 AT 10:11

अरे भैया!
देवरानी जेठानी के लिए बढ़िया साड़ी ले आना
वो क्या है कि उनके प्रोग्राम में उनके भाई भी
मेरे लिए बड़ी अच्छी साड़ी लाए थे..ननदों का
क्या है उन्हें तो दे देना दस दस रुपये शगुन में
.
.
.
हाँ हाँ !क्यों नहीं ...ननदों के भाई तो तुम्हें
नंगी रखते हैं..

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12 JAN 2020 AT 15:41

ननद और भौजाई
एक रिश्ता प्यार का
एक दूजे के
अहसास का
दुःख सुख का साथी
गलतफमियों से परे
इस रिश्ते को प्यार से
प्यारा, बहुत प्यारा
बनाये रखना
मायका अपना खुशियों से
महकाये रखना

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5 NOV 2019 AT 19:20

जीजाजी के छोटकी बहिनी - 1

जीजाजी के छोटकी बहिनी केतना नाच नचौलन ।
जहिना जहिना चाय पियौलन तहिना खूब रोवौलन ।।

एगो प्लेट में दु गो बिस्कुट चयवा कप में देलन ,
प्लेट पकड़ली हम जइसहीं बिस्कुट उ खा गेलन ।
सुन्दर मुखड़ा कश्मीर नियन एक झलक हम देखली ,
देखित का हs चाय पियs नs - हमरा से उ कहलन ।।

पहिला घूंट चाय के पिली जोर से तीता लगलक ,
गोलकी वाला चाय हे अइसन हम्मर मनवा कहलक ।
लेकिन दूसर तीसर चउथा बार भी तीते लगलक ,
समझ गेली तब हम हमरा से मजाक शुरू हो गेलक ।।

फिर सोचलि कि जादे तीता मुँह बनाएब हम त ,
तीते चयवा रोज पियौतन जे खिसियाएब हम त ।
एहिसे तितका चयवा गटगट हम पी गेली पूरा ,
टकटक ताके हमरा उनकर चेहरा चाँद चिकोरा ।।

दीदी से जब कहली गोलकी हलइ जादे चयवा में ,
दीदी कहलन गोलकी नs मिचाई हल चयवा में ।
कश्मीरी मिर्ची पाउडर वाला चाय पियौलन तोरा ,
सम्हल के रहीहें न त सुभोशाम नचौथु तोरा ।।

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3 DEC 2020 AT 23:40

जब किसी घर में
अबलाओं की मोर्चाबन्दी होती है
तो बड़े बड़े सूरमा के होश फख्ता होते है
एक तरफ सास ननद का गठबंधन
दूसरी ओर बहू का प्रबल गर्जन
अधिकारों का शंखनाद होता ऐसा
कि घर कुरुक्षेत्र सा सज रहा होता
दायित्वो की लाश को गिद्ध क्रोध के नोंचे
न रहे रिश्ते न बचे नाते
दांव पर दांव वार पे वार कर रहे ऐसे
जैसे शत्रु रहे हो कई जन्मों से
नीतियों को कूटते ऐसे कूटनीति भी
😟👇शेष अनुशीर्षक में👇😟

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