Ravi prakash Mishra   (माटी)
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Joined 26 May 2018


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Joined 26 May 2018
YESTERDAY AT 8:42

राम मिले कृष्ण मिले
भारत की भूमि से
मर्यादा और प्रेम का
संदेश दिया विश्व को

गौतम तीर्थंकर मिले
भारत की भूमि से
बदले में क्या दिया
विश्व ने इस देश को

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1 MAY AT 22:09

बुद्ध तब नहीं रोये
जब बामियान में तोपो से
मूर्तियों को उड़ाया गया

बुद्ध तो हृदय में है
जहाँ करुणा है वहाँ बुद्ध है
बुद्ध तो हर हृदय में
बुद्ध तो मंद मंद बहती पवन है

बुद्ध तब रोये जब
कलमा न पढ़ पाने की वजह से
निर्दोषो को मार दिया गया
काफ़िर होने की सजा दी गयी

बुद्ध हम सबसे नाराज है
कहते है मैंने आत्मरक्षा के लिये
कब मना किया था

तुम भूल गये घायल हँस को
जिसके लिये मैं लड़ा था
अड़ा था तभी तो मैं बुद्ध था

सुरक्षित रहो संगठित रहो
बुद्ध को समाधि में लीन होने दो

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1 MAY AT 8:05

मैं भारत वासी हूँ मैं हिंदू हूँ
वो मुझे काफ़िर कहते है



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30 APR AT 8:28

हर हर महादेव का तुमुल नाद हो
काली महाकाली भवानी आह्वाहन हो

सर पे नाचे भैरव मृत्यु उल्लास हो
मातृभूमि पे मस्तक बलिदान हो

वैरी के भाल त्रिशूल का नोक हो
सुधरे न सठ रक्त से भुमि लाल हो

हर हर महादेव का तुमुल नाद हो
हर नर भैरव महाकाली हर नार हो

खंड खंड आतंक आतंक का सरदार हो
शत्रु के रुधिर से युद्धभूमि लाल हो

तिरंगा लहराये जग में स्वाभिमान से
आतंकी नरपशु का कब्र में स्थान हो

ॐ पार्वती पतये नमः हर हर महादेव

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29 APR AT 8:31

सिंहो को जन्मा है माँ भारती ने
हारे नहीं वो जब लड़ने पे आये

मर्यादा करुणा अलंकार उनका
वसुधा को ही वो कुटुंब कहता

मगर कुछ दरिंदों को रास न आये
बर्बर नराधम समझ न पाएं

खुद तो मानव अभी बन न पाएं
निर्दोष जन का जो रक्त बहाएं

जागो जियालो ललकार दो फिर
सर को जुदा कर दो पापियों का

नारा लगाओ जय जय भवानी
भैरव बने नर भवानी हो नारी

रक्तबीज बढ़े उठाओ कटारी
रक्त मांगती अब भारती भवानी

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28 APR AT 8:21

विनय विनम्रता धर्म न माने
कपटी कपट से सज्जन मारे
तजो दया करुणा वरुणा को
मर्यादा का मान बढ़ाओ

कोप करो अब रोष करो अब
राम रण घनघोर करो अब
आन बान का धनुष उठाओ
प्रत्यंचा पर बाण चढ़ाओ

धर्म देखता है आशा से
मानवता अंतिम आशा से
हरो प्राण अब दुष्टो के
राम तनिक अब देर न लाओ

राम नाभि पे बाण चलाओ
मानवता का बिगुल बजाओ
भूल गये यदि हम यह गाथा
राम हमें फिर याद दिलाओ

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27 APR AT 22:23

ख़ुशी तुम्हारी तुम्हे मुबारक़
हमारी आँखों में अब लहूँ है

याद है अब भी चीख उनकी
धरम के कारण जान गवाई

बिलखते बच्चे रोती बेवाये
बुढ़ापे की लाठी कहाँ से लाएं

ख़ुशी तुम्हारी तुम्हें मुबारक
हमारी मुठ्ठियां भिंची हुवीं है

क्या दोष था क्या गुनाह किया
ख़ुदा बता ये कैसे तेरे बंदे

इब्लिश से अब तू रोज हारे
मुसलमा इब्लिश से मिले हुवे है

अगर ख़ुदाई है तुझमें बाक़ी
तो आख़िरी ये जख़्म ही कह दे

नहीं तो अब सोया भैरव जागेगा
प्रलय का तांडव शुरू करेगा

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27 APR AT 9:48

कैसे रिझाये कान्हा कैसे लुभाये
तेरे दिवाने कान्हा,कैसे बताएं

तेरा असर कान्हा ऐसा हुवा है
जाएं कही भी तुमको ही पाएं

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22 APR AT 8:18

तन मन जीवन सब तेरा है
तू ही सच्चा धन मेरा

क्या मांगे तुमसे बाबा हम
तू ही सर्वस्व हमारा है

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21 APR AT 8:18

धन भी पाया यश भी पाया
तन का तन से घर्षण पाया

सब क्षण भंगुर दिवास्वप्न सा
आंख खुली तो कुछ न पाया

रीता - रीता था अंतर्मन
शिव को पाया तो सब पाया

चिन्मय शाश्वत अखिल निरंजन
शिव को पाया तो सब पाया

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