Kumar Kashyap   (Kumar Kashyap)
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Joined 22 June 2018


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23 AUG 2023 AT 19:19

चंदा मामा दूर के ।
दूर बस एक टूर के ।।
आप हैं आसमान में,
हम आते चंद्रयान में ।
आपको राखी बांधेंगे,
फिर वापस आ जायेंगे ।।
चंदा मामा दूर के ।
दूर बस एक टूर के ।।

Chanda Mama door ke
Door bas ek tour ke
Aap hain aasman me
Ham aate chandrayan me
Aapko rakhi bandhenge
Fir wapas aa jayenge
Chanda Mama door ke
Door bas ek tour ke

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31 MAR 2023 AT 19:27

वक्त यूं मगरुर होता जा रहा है ।
हर कोई अब दूर होता जा रहा है ।।

जो सहारा दे उसे ही छोड़ देना ।
अब यही दस्तूर होता जा रहा है ।।

जो मिला अपनों से ही मुझको हमेशा ।
ज़ख्म अब नासूर होता जा रहा है ।।

अब वही मिलते हैं जब यह पूछते हैं ।
क्यों भला तू दूर होता जा रहा है ।।

दर्द है , है बदहवासी सी जमीं पर ।
फलक यूं बेनूर होता जा रहा है ।।

चाहकर भी अब जुबां कहती नहीं कुछ ।
वक्त इतना क्रूर होता जा रहा है ।।

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27 FEB 2023 AT 21:16

जो खुद न हो असल मुझे असल समझ रहा ।
गैरत को बेगैरत भी मुसलसल समझ रहा ।।

मौजूद हूं फिलवक्त मैं यह देखकर मुझको,
कट जाऊंगा एकबारगी फसल समझ रहा ।।

आती है उसकी याद तो हैं मुस्कुराते गम,
लेकिन मेरा हर एक पल वसल समझ रहा ।।

उसको नहीं दिखता फिसलता इश्क का हुजूम,
नफरत को इश्क़ इश्क़ मुसलसल समझ रहा ।।

यूं तो तकल्लुफ हर किसी की बानगी में है,
हर शख़्स तकल्लुफ को ही हर पल समझ रहा ।।

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16 FEB 2023 AT 21:21

हरे रंग का सूट पहनकर कुछ ऐसे उछली वो
डीजे वाली धुन पर थिरकी कुछ ऐसे मचली वो
धड़क उठा दिल मेरा वो थी कातिल एक हसीना
पल में हाजिर पल में गायब जैसे थी बिजली वो

सोच रहा हूं अगर मिला फिर उससे यह कह दूंगा
सपने में आती हो सच में आओ हर सुख दूंगा
दिल कहता है अपनाऊंगा अब मैं हर हथकंडा
तुम बिन दिल में इतनी बेचैनी इतनी उत्कंठा

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11 FEB 2023 AT 23:22

Happy Promise Day

सनम वादा करो कि तुम किए वादे निभाओगी,
मेरे जलते हुए दिल को न तुम फिरसे जलाओगी।
अभी भी वक्त है बाकी है मोहब्बत का अफसाना,
मिलन के गीत गाऊंगा मैं तुम भी गुनगुनाओगी।।

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17 JAN 2023 AT 21:41

चूड़ा-दही-तिलकुट

चूड़ा कहा मैंने, वो पहन चूड़ी निकल गई।
मैंने कहा दही, वो पहन मुरही निकल गई।
तिलकुट पे आते आते माजरा ये हो गया,
कूटा मुझे उसने यूं तिल-तिल जां निकल गई।।

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16 JAN 2023 AT 22:43

मैं बेखबर हूं
उन्हें ये ख़बर नहीं।
उन्हें ये ख़बर है
मैं बेखबर नहीं।।

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15 DEC 2022 AT 20:15

सियासत इस कदर हावी है,
मेरी शख्सियत पर अब ।
मैं जितना मुस्कुराता हूं ,
मुझे उतना रुलाती है ।।

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2 DEC 2022 AT 23:37

कुछ नहीं अब तो रखा है इस जहां में।
क्या मिलेगा कुछ किसी को इस जहां में ??

जो न देना चाहता है, मांगता है
मांगने से क्या मिलेगा इस जहां में ??

भाव जिसके कौड़ियों से भी है कमतर
वो भला कैसे बिकेगा इस जहां में ??

बिक न पाने का हुआ अफसोस इतना
छोड़ बैठे आशियाना इस जहां में ??

कुछ दशक पहले सितारा बन चमकता
आज बस उलझा हुआ है इस जहां में ??

जिंदगी जद्दोजहद या कशमकश में
ढूंढती है कोई अपना इस जहां में ??

शख्सियत ऐसी बने कि चाहकर भी
कोई दुत्कारे नहीं अब इस जहां में ??

एक बस माँ–बाप का ही प्यार सच्चा
और भी क्या कुछ बचा है इस जहां में ??

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18 NOV 2022 AT 16:12

ಕಾಲಾತೀತ ಆಹ್ವಾನವನ್ನು
ಹೇ ನಿಮ್ಮ ತೋಳುಗಳಲ್ಲಿ ಸಾವು,
ನನಗೆ ಸ್ವಲ್ಪ ಜೀವ ಕೊಡು... !
ಒಂದೋ ನನ್ನನ್ನು ತೃಪ್ತಿಪಡಿಸು ,
ಅಥವಾ ಕಾಲಾತೀತ ಆಹ್ವಾನವನ್ನು ನೀಡು...!!

He nimma tolugalalli savu,
Nanage svalpa jiva kodu...!
Ondo nannannu trptipadisu,
Athava kalatita ahvanavannu nidu...!!

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