ना चांद चाहिए ना सितारे
ना फूल चाहिए ना खुशबू
मुझे तो सिर्फ़ तेरा दीदार चाहिए
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वह चलती है तो उसे पता होता है कि पीछे कौन ,कैसी नज़रों से देख रहा है..! क्योंकी
जवान लड़की की एड़ी में भी आँखें होती हैं ,-
तेरे नज़र अंदाज़ करने का ग़म कुछ इस तरह मनाएंगे,
तुम्हें सामने बैठाएंगे और पलकें भी न उठाएंगे।-
नजर और नसीब का रिश्ता
कुछ ऐसा होता हैं
नजर को वही पसंद होता हैं
जो नसीब में नहीं लिखा होता हैं-
दूर वो आसमा,जमीं से
मिलता नजर आता है,
मारिचिका हवा सा पानी
हिलता नजर आता है,
कही सूरज डूबता तो
कही निकलता नजर आता है
सब झूठ है यहां पे बिक्रम,दिखावा है
सच नजरो से कहा, किसे नजर आया है।
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तू बेखौफ नज़र उठाकर चला कर
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एक नजर अगर देख लो इस मासूम से चेहरे को,
सुकून दिल को मिल जाय.....
राज कर लू गहरा अगर ,मेरी मोहब्बत को तेरा नाम मिल जाय......
बहुत दर्द है इन मुस्कुराती हुई आँखों में,,ये कम हो ,,अगर
मेरा हमसफ़र, मेरा दर्दे दिल समझ जाए..💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓-
नज़रों से उनकी मुलाक़ात क्या हुईं
कम्बख्त ये दिल बेचैन होने लगा
एक दफ़ा उनसे मोहब्बत क्या हुई
ज़ालिम मेरा दिल ,
किसी और को अपना कहने लगा ..-
जाने क्या जादू कर गई है नजर आपकी
खुद ही को हम भुलाएं बैठे है
मिलना तो हू आ नही हमारा
खुद को आप मै गवाएे बैठे है|
ना हम आपको जानते है
ना आप हमे पेहचांते है
किस बात की ये बेताबी है,
के आपकी एक नजर मे हम
आपको अपना बना एे बैठे है|
मुलाकात तो हमारी बस एक नजर भर की थी,
जाने क्या जादू कर गई है हम पे,
एक नजर मे आप से दिल लगाएं बैठे हैं|
इश्क तो अभी दूर की बात है
हम तो आपकी एक नजर मै ही
आपको आपना बनाए बैठे हैं|
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नज़र से जा नज़र मिली
नज़रो ही नज़रो मे दिल मिले
एक नज़र ने दूसरी नज़र को देख नजरे झुका ली
जैसे नज़रो ही नज़रो मे इश्क कुबूल हुआ
हाय! नज़र ना लगे इस इश्क ए नज़राने को किसी की
इस नज़र से घायल आज हर नज़र हुआ।-