जहीन है वो शक्स जो सुकून....
अपना सजदो में तलाश करता है।।-
वो जो बेख़बर सा शख़्स है असल में ज़हीन है बड़ा,
कि दुनिया को छोड़ कर आख़िरत संवारने में है लगा।
وہ جو بے خبر سا شخص ہے اصل میں ذہین ہے بڑا،
کہ دنیا کو چھوڑ کر آخرت سنوارنے میں ہے لگا !!-
बेतहाशा बेनज़ीर हो, बेशक़ तुम जानाँ ज़हीन हो,
जाँ-ए-ग़ज़ल मेरी हो तुम, तुम सबसे आफ़रीन हो...!!-
जिंदगी के हर क्षेत्र में जहीन था जो
मोहब्बत के दर पर असफल हुआ है-
वो ज़हीन होकर भी नासमझ बनता रहा,
और इस तरह हमारे भोलेपन को छलता रहा l-
ज़हीन होना ही काफ़ी नहीं होता है 'पुखराज'
नहीं तो कितने 'बीरबल' बन गए होते महाराज।
ग़र कद्र होती इंसा के इऱ्फान की यहाँ,
तो न होते महरूम कई बनने से सरताज़।-
YQ के इस मंच हर कोई बहुत ज़हीन है ।
सभी की अपनी अपनी लिखने की शैली है।
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ज़हीन कहूं मोहब़ब्त का उसे या फिर सौदागर नवाज़ू,
के कुछ और अच्छा ही नहीं लगता, मुझे सिवा उसके।-
Insaa.n nhi tu abhi itna bhi zaheen ke wajood-e-qainat mein pinaa.h RAB ke Hiqmat ke Raaz tu samjhe
wajood-e-haiwaani hai wajood-e-roohani par haawi tere, Aqal-e-khallis ke gauhar abhi saahil par Anna jo baaki hai
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