ग़म की बदली छट गई मुस्कुराहट की ऐसी धूप खिलाई उसने,
खारा समंदर भी मीठा हो गया जब इश्क़ की बूंद मिलाई उसने।-
Khayal-e-sheenam
एक बार गले लग जा उस एहसास को महफ़ूज़ कर लें,
हर धड़कन नाम लेती है तुम्हारा सुन के महसूस कर ले।
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तेरे तसव्वुर से महकते हैं दिन मेरे, तेरे ख्वाबों से रात सुहानी है
ये मोहब्बत है तेरे ना होने की उम्मीद पर भी मीरा सी दीवानी है-
तू आए तो दिल ए नाशाद को भी क़रार आ जाए,
मेरी ज़िन्दगी ख़िज़ा है तेरे आने से बहार आ जाए।
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बंजर जमीन को मेहनत से ज़रख़ेज़ कर दिया,
दहक़ान ने मिट्टी को सोने सा लबरेज़ कर दिया।-
वो भी बताने लगे हमें आसमान की बुलंदियों के राज़,
जिन के परों ने अभी तक नहीं ली है एक भी परवाज़।-
भूली बिसरी यादों की बरसात में
जागे हैं हम चांद के साथ रात में।
बेक़रारी में करवटें बदलते रहे हैं,
ज़िक्र जब चला बात ही बात में।
नाम लूं जो तेरा जुगनू चले आए,
आंगन रौशन मेरा जैसे बारात में।
वो जिस पल मेरी आगोश में था,
रुक गया वक़्त उसी लम्हात में।
अक्स उसका दिखे देखूं आईना,
ऐसे शामिल हुए वो मेरी ज़ात में।
रब ने जो उस को मेरा कर दिया,
उम्र गुज़ार दे शीनम इबादात में।-
मोहब्बत में ता-उम्र क़ैद रहूं, तेरे दिल के क़फ़स से रिहाई नहीं चाहिए,
तेरे सिवा कोई और सूरत नज़र आए तो मुझे ऐसी बीनाई नहीं चाहिए।
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सुकून-ए-क़ल्ब के लिए फ़कत इतना कर दे,
बेजान जिस्म है मेरा, तू छूकर ज़िन्दा कर दे।
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तपते हुए सहारा में बरसात हो जाती,
कभी मेरी तुम से मुलाकात हो जाती।
बड़ी ख्वाहिश थी गुफ्तगू नज़र से हो,
मोहब्बत से मिलते तो बात हो जाती।
रसमन ही सही गर तू मिल लेता गले,
मुद्दतों जो मांगी पूरी हाजाद हो जाती।
तेरे चेहरे पे आ जाए जो इक मुस्कान,
मेरी खुशियों में भी बरकात हो जाती।
मैं सूरज सी ढल जाती तेरी आगोश में,
तू मेरा चांद तेरी बाहों में रात हो जाती।
उसके नाम के साथ जुड़ जाए मेरा नाम,
वो शीनम तेरी कुल कायनात हो जाती।-