जुदा होने की ख़्वाहिश है अब उसकी जो साथ जीना चाहता था,कर दिया आज़ाद, क़तर के पर अपना बनाना हमें ना आता था। -
जुदा होने की ख़्वाहिश है अब उसकी जो साथ जीना चाहता था,कर दिया आज़ाद, क़तर के पर अपना बनाना हमें ना आता था।
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मैं उदास मौसम-ए-ख़िज़ां सी वो खुशनुमा बहार बनके आए,मुझे उस एक फूल का इंतज़ार है जो मेरी ज़िन्दगी महकाए। -
मैं उदास मौसम-ए-ख़िज़ां सी वो खुशनुमा बहार बनके आए,मुझे उस एक फूल का इंतज़ार है जो मेरी ज़िन्दगी महकाए।
लम्हा लम्हा मर मर कर यादों के सहारे जी लेंगे,तेरी ख़ुशियों के खातिर ज़हर जुदाई भी पी लेंगे।मेरे ख़्वाब अधूरे रहे दुआ है तेरे तो पूरे हो जाए,चाक किया दिल तूने हम हाथ से अपने सी लेंगे। -
लम्हा लम्हा मर मर कर यादों के सहारे जी लेंगे,तेरी ख़ुशियों के खातिर ज़हर जुदाई भी पी लेंगे।मेरे ख़्वाब अधूरे रहे दुआ है तेरे तो पूरे हो जाए,चाक किया दिल तूने हम हाथ से अपने सी लेंगे।
वो आंखों में इश्क़ का इज़हार लबों पे झूठा इंकार लिए बैठे हैं,जो कहना है साफ़ कहो हम इक मुद्दत से इंतज़ार लिए बैठे हैं। -
वो आंखों में इश्क़ का इज़हार लबों पे झूठा इंकार लिए बैठे हैं,जो कहना है साफ़ कहो हम इक मुद्दत से इंतज़ार लिए बैठे हैं।
दिल की गलियों में घना अंधेरा, गुनाह के बोझ से भारी है,मांग कर माफ़ी रौशनी की खातिर रात इबादत में गुज़री है। -
दिल की गलियों में घना अंधेरा, गुनाह के बोझ से भारी है,मांग कर माफ़ी रौशनी की खातिर रात इबादत में गुज़री है।
ख़्वाब में तुम आए, आंखों को बीनाई मिल गई,शबभर में सुकून से जीने को शकेबाई मिल गई। -
ख़्वाब में तुम आए, आंखों को बीनाई मिल गई,शबभर में सुकून से जीने को शकेबाई मिल गई।
मोबाइल के ज़माने में वो ख़तों का मज़ा कहां रहा, ना इंतजार की लज़्ज़त रही ना तहरीर में नशा रहा। -
मोबाइल के ज़माने में वो ख़तों का मज़ा कहां रहा, ना इंतजार की लज़्ज़त रही ना तहरीर में नशा रहा।
आईना बोला मुझसे कि अब बदलने लगी हूं मैं,देखूं ख़ुद को, चेहरा उसका समझने लगी हूं मैं। -
आईना बोला मुझसे कि अब बदलने लगी हूं मैं,देखूं ख़ुद को, चेहरा उसका समझने लगी हूं मैं।
लम्हें सदियों से लम्बे हुए ऐसे लगा दिल से मन तक गया वो,सदियां लम्हें में गुज़र गयी गले लगा कर रूह में उतर गया वो। -
लम्हें सदियों से लम्बे हुए ऐसे लगा दिल से मन तक गया वो,सदियां लम्हें में गुज़र गयी गले लगा कर रूह में उतर गया वो।
तुमसे नहीं पूछा मैंने मोहब्बत में हाल-ए-दिल तो नाराज़ हो,बेमानी लगे पूछ्ना जब आंखें तेरी, दिल का सुख़न साज़ हो। -
तुमसे नहीं पूछा मैंने मोहब्बत में हाल-ए-दिल तो नाराज़ हो,बेमानी लगे पूछ्ना जब आंखें तेरी, दिल का सुख़न साज़ हो।