QUOTES ON #तितलियां

#तितलियां quotes

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4 MAY 2020 AT 9:05

तितलियों के रंग में

बारिश के बाद ,खिली धूप के संग
बड़े प्यारे लगते है, तितलियो के रंग ।

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24 MAR 2019 AT 22:24

कल
मिले थे हम..ख़्वाब में तितलियों से
🦋
बस
इसी बात पे..भवरें आज रूठे रहे.. 😊

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8 NOV 2019 AT 15:12

कभी-कभी अपने दिल की भी सुना करो ।
मन की तितलियों को उड़ने दिया करो ।
ये माना काम में बहुत मसरूफ हो मगर,
कभी-कभी कुछ लम्हे खुद को भी दिया करो ।
बारिशों के मौसम में भी भीगा करो।
उदास ज़िन्दगी में इन्द्रधनुषी रंग भरा करो ।
कभी-कभी खुल कर भी हँसा करो ।
तितलियों को किताबों में मत रखा करो।
उनके संग-संग आसमां में उड़ा करो।
कभी-कभी अपने दिल की भी सुना करो।

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11 APR 2019 AT 20:45

रंगीन पंखों को देखे अरसे हुए,
मेरे बाग में अब तितलियां नहीं मिलती..

सुनहरी रंगत ना रही उन तालाबों में,
मेरे पोखर में अब मछलियां नहीं मिलती..

निर्ज खोखल नाउम्मीद हो गए हैं,
खोखल में अब गिलहरियां नहीं मिलती..

घोंसले कैसे दिखाएंगें? मां- बाप अब बच्चों को,
अब तो पेड़ों पर चिड़ियां भी नहीं मिलती..
❤️ Himanshu Singh Rajput ❤️

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10 NOV 2020 AT 12:24

लग जाए जब तेरे होठों को, फकत लत मेरी!

तो इतराना मत, मुझे बार-बार होठों से लगा लेना!!

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8 JUN 2021 AT 10:48

रंगीन तितलियों से रंग चुने जाएं
हमारे हसीं ख्वाबों को उनमें बुने जाएं
आओ एक बार फिर प्रेम गीत गुनगुनाएं......
प्रेम गीत गुनगुनाएं.....

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पेड़ो की झड़ती पत्तियाँ
बन कर खाद पेड़ो को
पोषण दे बड़ा करती हैं ...!!!

फूलों पे मंडराती तितलियाँ
काँटो में उलझ जाती कभी
फिर भी परागकण से नए
पौधे उगने में सहायता करती हैं ...!!!

नदियाँ बहा ले जाती अपने साथ
किनारों की गंदगी और मैल सारा
और जल को निर्मल कर देती हैं ...!!!

ये पत्तियाँ , तितलियाँ , नदियाँ
अपने पूर्व जन्म में
"स्त्रियाँ " रही होगी ना ...!!!

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19 AUG 2019 AT 10:34

तुम अपने दिल की कब खोलेंगे ये बंद खिडकियां
तुम्हें छूने को उड़ रही मेरे ख्वाहिशों की तितलियां I

भूख प्यास की किसे अब खबर सुन ए हमदम मेरे
इस बेकरारी में तो गले से अब उतरती नहीं रोटियां I

किस कदर ये दिवाना तेरा बिन तेरे ये रातें गुजारे
तन्हा रात में तेरे नाम से आती लबों पर सिसकियाँ I

नरगिस सी आंखे होंठ एसे गुलाब जैसे लब खोले
ये हुस्न ये अंदाज तेरा दिल पर गिरते हैं बिजलियाँ l

फौजी मुंडे sohan lal munday ✍️



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अधखुली कलियों पे कब तितलियां विहार करती हैं..
मामला संगीन हो वहां भ्रमर ही गुंजार करते हैं..!
चटकाकर ये कलियाँ गुलों को गुलज़ार करते हैं..,
महकती फिजाओं से गुलशनों का श्रृंगार करते हैं..!

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12 JAN 2021 AT 13:46

हम इन फूलों से इनके सारे रंग छीन आए हैं,
फिर भी तितलियों ने इनसे मिलना नहीं छोड़ा!

अब बेशक, इनकी मिठास फीकी पड़ गई है,
फिर भी मगर, इन फूलों ने खिलना नहीं छोड़ा!

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