मुझे वक्त लगेगा तुम्हे भूलने में
तुम भूल जाना
जिस तरह भूल जाता है कोई
खुद का ही बचपन जैसे
गिर के संभलना जैसे
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चलो कुछ एहसासों को एहसासों में ही रहने देते है।
बोलते कुछ नहीं लफ्जों को सांसों में ही रहने देते है।।
फिर कभी मिले तो वो वक्त कुरेदेंगे।
अब कुछ कदम सिर्फ एहसास भर लेते है।।
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हर वो कदम याद हैं मुझे
हर एक जवा उम्मीद याद है मुझे
साथ में घूमना
सपनों को खुली आंखों से
बुनना याद है मुझे
तुझे कल की तरह ही
सहेजना
आज भी तेरे साथ
सब याद है
मुझे-
हर वक्त प्यार की ही बातें हो ये जरूरी तो नहीं
कभी कभी तन्हाइयों में
सफलताओं के पग नापे जाते है.......-
आंचल का कोना पकड़ कर
आँखें मूंद कर बस सुनती हूँ तुम्हें
मुझे ये सफेद फूल
हमेशा याद रहेंगे-
मुझे बंद लिफाफों से तुम्हारी ख़ुशबू आती है
इश्क कितना हैं ये महकती फ़िज़ा बता जाती है-
कहना ही तो जरूरी न था
तुम ना समझो ऐसी भी कोई बात नहीं थी
देख लेते तुम भी उन लफ्जों को
दिल के कोने मे शायद कोई आग नहीं थी।-
निगाहों के रखवाले
कहीं दूर झांका करते है
शोर केवल बहते हुए
किनारों को ढूंढा
करते है
शब्द ही सुकून के
भागी है
ये खामोशी को
फीका करते है।-