कहना ही तो जरूरी न था
तुम ना समझो ऐसी भी कोई बात नहीं थी
देख लेते तुम भी उन लफ्जों को
दिल के कोने मे शायद कोई आग नहीं थी।-
निगाहों के रखवाले
कहीं दूर झांका करते है
शोर केवल बहते हुए
किनारों को ढूंढा
करते है
शब्द ही सुकून के
भागी है
ये खामोशी को
फीका करते है।-
ना यादें
ना ही इंतज़ार
ना नजरो मे कोई प्यास
किसी को चाहना
बस रहे एक एहसास
गुजरती सांसे और
सांसों में याद
एक लम्हा
और पूरा हो
जी लेने का एहसास
-
सारी बातें कहीं जा चुकी हैं अब तुम
मेरी ख़ामोशी सुनो
इनमे
कहीं शोर तो नहीं सुनाई देता
तुम्हे मेरे हृदय का-
तुम्हे याद हैं कि नहीं, नहीं पता मुझे
बारिशों में ढूंढा करते थे तुम्हें
कुछ ख़ास तो नहीं होती थी बात कोई
देनी होती थीं बेवजह सज़ा तुम्हे
-
नहीं कभी नहीं हों सकता निश्चय के बिना
कुछ भी पा लेना
निश्चित ही वो तुम्हारे पास है
मगर
पास होने और पा लेने का अंतर
बहुत बड़ा होता है
-
कैसे सीमित हो सकता है कोई
जब असीमित हैं विचारों का प्रवाह
असीमित है मन के भाव
असीमित है फूलो की सुंदरता
असीमित है हवाओं का प्रभाव
कैसे सीमित हो सकता है कोई-