अता है मुझे लज़्ज़त-ए-गिर्या सदा के लिये तुझ से ही,
क्यूँकर फ़िर रातों को सो तिरी रहमदिली को ठुकराया जाये ।।-
तुझसे कभी प्यार का इज़हार तो नहीं कर पाई
क्योंकि शायद मैं जानती थी कि तू मुझे ठुकरा देगा।
पर इश्क तेरे बाद भी तुझसे ही किया है मैंने
ये तो हर शक्स मेरी आँखों से पढ़कर तुझे बता देगा।-
तुम्हारा मुझे ठुकराना बिल्कुल जायज़ है ।
मैंने भी बहुतों को ठुकराया था तेरे आस में।।-
अपनों ने ठुकराया, कुछ गैरों से ज्यादा!!
और गैरों ने संभाला,अपनों से भी ज्यादा!!-
इस गरज़ से मुझ तक बार-बार मत आना
कि इतना चाहेंगे तुम्हें, जितना ठुकराया है मुझे.-
चाहती तो रोक ही लेती मैं उसे जाने से मगर
वो फिर मुझे ठुकराता यह मुझे मंज़ूर न था-
ठुकरा के इस जहां को जाओगे कहाँ....??
अभी तो दुनिया में लॉक डाउन चल रहा है-
ठुकराने से पहले दिल को आज़मा लेते,
इश्क़ ना सही नफरत का इनाम देते !!
बिछड़ना अगर जरूरी था तो मांग लेते,
हम जान भी तुम्हारे नाम कुर्बान कर देते !!-
'अब न ठुकराना'
प्यार तुमसे ही किया है
छिपकर अश्क़ बहाए हैं
अब न ठुकराना यारा
मेरे आगे ग़म के साये हैं।
सच्चा प्यार कहाँ मिलता
ये बात बतानी होगी क्या
अब तक जुबाँ ख़ामोश रही
जज़्बात सुनानी होगी क्या?
काली तूफ़ानी रातों में
प्यार का शमां जलाए हैं
इसको न बुझाना यारा
मेरे आगे ग़म के साये हैं।
प्यार है चाँदी प्यार है सोना
प्यार से महके हर एक कोना
है अनमोल खज़ाना यह
शिद्दत से तुझ पर लुटाए हैं।— % &-
आज इस कदर उसने हमें ठुकराया है,
दिल, मोहब्बत का नाम सुनते ही घबराया है..!-