QUOTES ON #टकराव

#टकराव quotes

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16 MAY 2021 AT 9:30

* एकता का रहस्य *
जापान के ओ-चो-सान व्यक्ति के परिवार में एक हज़ार सदस्य थे।परिवार की ख्याति सम्राट यामातो तक पहुंची।सम्राट को भरोसा नहीं हुआ,इतना बड़ा परिवार कोई मन मुटाव नहीं,यह हो नहीं सकता है।
सच्चाई जानने के लिए एक दिन सम्राट ओ-चो-सान के घर पहुंचे।परिवार ने उनका सम्मान किया।सम्राट ने पूछा कि क्या इसका रहस्य बता सकते हैं कि इतना प्रेम हमेशा कैसे बना रह सकता है।
ओ-चो-सान वृद्ध हो गये थे।उन्होंने कांपते हाथोंं से कागज पर कुछ लिखा और सम्राट की ओर बड़ा दिया।उसमें एक ही शब्द लिखा था 'सहनशीलता' है।
सम्राट को आश्चर्य चकित देख ओ-चो-सान ने कहा कि मेरे परिवार की ख़ुशी और एकता का रहस्य बस इसी एक शब्द में छिपा है।जहां सहन शीलता है वहां क्रोध नहीं पनपता है।
जहां क्रोध नहीं होगा वहां टकराव नहीं होगा।टकराव नहीं होगा तो बिखराव नहीं हो सकता है।...

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🎀🐾"लफ्ज़ को रोकने में मुख भी नाकाम है"🎀🐾

🎀🎀
परवरदिगार, लफ्ज़ की ताकत तो ज़रा देखिए!
मुख के रोकने की कोशिशों को उसने मात दी।
🎀🐾🍊
अंदरूनी टकराव से मुख भी तो परेशान था!
तभी हाथ माँगने की हालात में भी लात दी।
🐾🍇🎀
अश्कों ने भी न कोई कसर छोड़ी इसमें
पर बहते बहते वे भी आखिर थक गए।
🎀🍋🐾
लफ्ज़ तो तीखा था वह जीत गया जंग
और नयन झुके बस शरमाते ही रह गए।

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22 MAY 2021 AT 18:06

कभी संभल जाती हू
कभी गिर जाती हू
ये जिंदगी तू बता
मैं क्यू अटक जाती हू
कभी किसी से बहुत लगाव
फिर उसी से टकराव
ये जिंदगी तू बता
मैं क्यू समझ नही पाती हू
जिन बातों से रोती हू
फिर उन्ही बातो पर हंस देती हू
जो लोग दिल को मेरे तोड़ जाते है
फिर मैं क्यों उनकी खैरियत पूछती हू
ये जिंदगी तू बता मैं क्यू मोम सा पिघल
जाती हू
जिन आदतों से रहती हू परेशान
क्यू उन आदतों को बदल नही पाती हू
ये जिंदगी तू बता मैं क्यू समझ नहीं पाती हू
आशा

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17 SEP 2020 AT 12:44

"प्यार के जुनून में की गई शादी
जब जिन्दगी के सच से टकराती हैं
तो दोनो की सोच में अंतर आने लगता हैं
आपस में तनाव बढ़ने लगता हैं
परिणाम स्वरुप सम्बंधो के टूटने की
आशंका हमेशा बनी रहती हैं " ।

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29 MAY 2022 AT 12:15

जो लोग टकराव का माहौल बनाते हैं,
उन्हें भी खुद शांति नहीं मिलती।

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हर राज्य का अपना-अपना
निजी रिजर्व बैंक होना चाहिए
ताकि जमकर नोट छापे और
हर्जाना, नज़राना, शुक्राना,
बख्शीश, मुआवजा आदि
बांटता रहे। आराम से।।
😜नो टकराव - नो डकराव😜

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11 JAN 2022 AT 14:41

बेवजह कुछ भी नहीं है
हर किसी चीज की
एक वजह होती है
हमारा परिवार एक है
तो उसकी भी एक वजह है
एक-दूजे के दिल में प्यार है
टकराव है,अलगाव है,जुराउ है
तो हर किसी की एक वजह है।

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29 DEC 2021 AT 15:46

अबोध-बोध

वे अबोध
बना रहे थे
प्रेम की मीनार
मुट्ठी मुट्ठी मिट्टी धरते
एकदूजे की पीठ थपथपाते
"आबाछ" "छाबाछ".....
समय का चक्र घूमा
उन्हें बोध हो गया
परस्पर वार
शब्द विशिख,कटार
पैनी धार...
स्वयं के
"शाबाश" "शाबाश"के
शोर में
मीनार ढह गई
उसकी चीत्कार .......
थे अबोध ही अच्छे........
-रेणु शर्मा


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23 AUG 2018 AT 9:14

नजरें इंतजार में है, उन नजरों से टकराव के।

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8 AUG 2020 AT 4:17

शीशों की माफिक नहीं आता
दिखाना रिश्तों के तकरारों को,,
इसलिए छुपा लिया हमने हर दफा,
अपने टूटे दिल के दरारों को,,!!

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