मैं हंसाता,
गुनगुनाता,
तमाशा दिखाता रहा
सारी उम्र मैं जोकर, जोकर रहा
तेरे पीछे मेरी जिंदगी सर्कस हो गई
सारी उम्र मैं जोकर, जोकर रहा
तेरे पीछे मेरी ज़िन्दगी सर्कस हो गई-
किसी की ज़िंदगी से हमें क्या ताल्लुक,
हम तो ख़ुद ही इस दुनिया में जोकर है..!-
"जोकर : एक कल्पना"
परवाह करते करते हर किसी के खुशी की पता नहीं कब और कैसे मैं जोकर बन गया
ध्यान रखते हुए हर किसी के मुस्कान की पता नहीं कब मैं उदास और हताश जोकर बन गया
सबकी राहें आसान बनाता रहा बिना परवाह किए अपनी मंजिल की लेकिन पता नहीं कब लोगों की राहों का मैं ठोकर बन गया
ताकि बरकरार रहे खुशहाल लम्हें हर किसी के जिंदगी की मैंने कभी चाह न कि अपनी खुशी की और औरों की खुशियों का मैं लॉकर बन गया
पूरी करते करते ख्वाहिश हर एक इंसान की पता नहीं कब मैं बेख्वाहिश और हताश बन्दा बन गया
ताकि बनी रहे हर किसी के चेहरे की मुस्कान ताउम्र पता नहीं कब मैं एक पर कटा हुआ परिंदा बन गया
दिल न दुःखे कभी किसी का मेरी वजह से मैं हर किसी को ख़ुशी देते देते पता नही कब इंसान एक बेढंगा बन गया
हर किसी के सफर को ख़ुशनुमा बनाते बनाते पता नहीं कब मैं मुसाफ़िर एक तन्हा बन गया
हर किसी की जिंदगी को खुबसूरत बनाते बनाते पता नही कब मैं वक़्त से टूटा हुआ लम्हा बन गया
उन सबको समर्पित जो ऐसा सोचते हैं कभी कभी दूसरों के ज़ज़्बात भी लिख देता हूँ
ज़रूरी नही कि अगर दर्द लिख रहा हूँ तो उदास, हताश और दर्द में हूँ मैं एक कलमकार होने के नाते कभी कभी दूसरों के दर्द को भी लिख लेता हूँ अभि:herहीरो-
तू जहाँ आया है, वो तेरा घर नहीं, गाँव नहीं, गली नहीं, कूचा नहीं, रस्ता नहीं, बस्ती नहीं, दुनिया है!
और प्यारे, दुनिया यह एक सरकस है और इस सरकस में बड़े को भी, छोटे को भी, खरे को भी, खोटे को भी, मोटे को भी, पतले को भी, नीचे से ऊपर को, ऊपर से नीचे को बराबर आना-जाना पड़ता है।-
🤡जोकर हूँ,चेहरे पर मुस्कान लिए फ़िरता हूँ,
मुस्कुराना फ़ितरत है हमारी,
वरना जिंदगी हमशे भी नाराज है,हमारी.....-
मैं जोकर बन गया हूँ सब की ज़िन्दगी के लिए
हँसाना काम है मेरा रुलाना रास न आया-
ज़िन्दगी है इक रंगमंच
बनकर यहां के जोकर
दूसरों को हंसाइए
और खुद हंसिए भी।
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ऐ वक़्त मैं तुझ से उम्र में
बहुत ही छोटा हूँ
मैं एक जोकर हूँ तो क्या हुआ
मैं भी अकेले में रोता हूँ-