युद्धभूमि में हार के पश्चात भी
उठ खड़े होने के मौके कई बार मिलते हैं
पर मनोभूमि में मिली हार से
कभी किसी को दूसरा मौका नहीं मिलाता-
ज़िन्दगी मेरी है,फैसला भी मेरा होगा।
तुम देखना एक दिन,जीत का सामना भी होगा।
उँगली उठी है जो आज मेरे किरदार पर,
उन्हें तालियों में बदलना कितना लाजवाब होगा।-
प्यार के मोती पिरोती है।
झरने सी जो बहती है,
सबके मन में रहती है।
खुद से भी जो प्यार करे
अपनों का सत्कार करे।
"हार न मानूंगी कभी"-
जिसकी हिम्मत कहती है।-
काया काम न आती 'रूनी'
काम न आता धन
जीत उसी की होती है
जो जीत लेता है मन-
क्षण-क्षण करके सारा जीवन संघर्षों में ही बीत गया,
कोशिश थी अव्वल आने की पर वक्त हमेशा जीत गया।-
मेरी भी एक पहचान होगी
ज़िन्दगी मेरी तूफान होगी
दर्द छुपा लूँगा सबके इसमें
वो ख़ुशियों से अंजान होगी
जी लूँगा जी भर के इसको
पूरे करती ये एहसान होगी
दाव पर लगेगी सबकी ख़ातिर
जाने किसका ये अरमान होगी
जो मिलेगा मोहब्बत कर लेगा
ख़ुशियों का ये फरमान होगी
जीत सकते हो तुम ख़ुशियाँ
ज़िन्दगी में अगर मुस्कान होगी
सच कहता है क्या तू "आरिफ़"
क्या गरीबों का ये मकान होगी
"कोरा कागज़" मिली है सबको
अच्छा लिखकर ही श़ान होगी-
जीत उसी की होती है
जो जीतना चाहता है
और जीतना वो चाहता है
जिसे हार स्वीकार नहीं
रणभूमि में जीत आयुध की नहीं
सैनिकों के हौसले की होती है
यदि दिल में मर मिटने का जज्बा हो
तो छोटी टुकड़ी भी बड़े सेना पर भारी है
जिंदगी भी एक जंग है
इसके अलग अलग रंग हैं
जिसके दिल मे उमंग है
उसके जीवन मे तरंग है
सुख और दुःख जिसे स्वीकृत होती है
उसके जीवन मे हर वक़्त गीत होती है
जीत उसी की होती है जो जीना जानता है
दूसरों के ग़म में रोना जानता है..-
Mushkilo ke toofaan chahe jitne aajae
Hauslon ki door ko na chorrna tum❤
Andhere jitne bhi lambe kyu na hojae
Roshni umeed ki na chorrna tum✨
Girne ke baad bhi..
lagatar haarne ke baad bhi
Bass jeetne ki zidd ko na chorrna tum ❤
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तेरे बिछड़ने के अंदाज़ से जीत सकता हूँ मैं,
रास्ते का कांटा ख़ुद भी हटा सकता हूँ मैं..
मेरे रुमाल पर लिखा था कभी तुमने love is my passion,
आज भी उस love को निभा रहा हूँ मैं..
तुमने ताजमहल वाला एक कार्ड दिया था मुझको,
उस ताजमहल में इश्क़ के निशां दिखा सकता हूँ मैं..
किसने कहा दूरियों में रिश्ते कमजोर होते है,
जब चाहूँ अपने साँसों से प्रेम जता सकता हूँ मैं..
नाराज़गी कितनी भी हो मेरे दिए तोहफ़ों को ना जलाना,
मेरा क्या मैं प्रेम का वो समन्दर हूँ
जो तुझे कभी भी याद आ सकता हूँ मैं..!-
फिर कबूतऱ ही इस दुनिया मे अपनी हुकूमत करवाऐगा,
मसीहां सुकून का हर जगह तेरे खून का दंगा लडवाऐगा,
भेड़िया बदनाम होता जाऐगा...
एक अच्छा मुहरत देख वो अपनी चोच आख़री बार चुबाऐगा, और सबको उस दिन भेड़ियों का नौश करवाऐगा...
अब अंधेरे मे क्यो,
सुबह उजालों मे हड्डिया जलवाऐगा...
मसीहां वो सबकी नज़रों का अब दिल पे भी राज़ फरमाऐगा...
किसे पता था वो शांति का प्रीत कई एैसे समर करवाऐगा
दिक्त ये है की जिसके लिए हम गोली खाने को त्यार है
बंदूक ताने असल मे वो ही खडा है!!
कहानी सुनाए दो दिन ही हुए थे
Election दस दिन मे होना है और तुम जा रही हो ?
इस बार भी आपकी ही जीत होगी एसा कह नेता जी की बीवी,गाडी मे बैठ मायके को चल दी
क्या खबर थी उनहे की वो अपने घर कभी नही पहुच पाऐंगी
नेता जी एक call करते है और किसी को location समजा रहे होते है फिर मुझे उधर से ही इशारा कर कहते है की जाओ और पीछा करो उसका
मै लाल्ची चील की तरह तेजी से जाता हूं कट्टा पैंट मे फसाऐ bike पे बैठे सोच रहा था शायद,अब तो मै उनका खास हो जाउुंगा
जैसा चाहा वैसा ही सब हुआ
उस रानी को गिराते ही हर जगह शोर मच जाता है
विपकश पार्टी भी घबरा जाती है इतने सवालातों से, सब उन्हे भेड़ियों की पर्जाति का नारा लगा,बद्द पीठ देते है
और कबुतऱ ने हमारे विपक्श के बल को एक चोच मार खत्म कर दिया
उस समर बाद वही हुआ जो होना था मंत्री बन गये वो और हम खास बन गये!!-