वो, जिसे इश्क कह सकें रूनी, दरमियाँ
कुछ तो हुआ होगा जरूरतों से परे...-
I love God and His beautiful world
I'm the blessed one God l... read more
काया काम न आती 'रूनी'
काम न आता धन
जीत उसी की होती है
जो जीत लेता है मन-
उन्हें फुर्सत नहीं मेरी जानिब कोइ ख़्याल करे
मोहब्बत को रूनी
हिचकियों का भी सहारा ना रहा..
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तुम से इतर मेरी अनुभूतियां
तुम्हारा आधिपत्य मेरा समर्पण
तुम्हारा स्खलन मेरा धारण
इन्हीं इतर अनुभूतियों से
सृजन के फूल खिलते हैं
मैं क्यों होऊ रूनी तुम जैसी
हमारे इतररंगी साहचर्य से जीवन है
जीवन का सौंदर्य है.-
जब कोइ ना पढ़े इबारते दिल...
हाले दिल क्यों ना रूनी
लिख लिख के मिटाया जाए..-
तेरे मेरे रिश्ते की जब बात आती है
बस एक सच्ची बात रूनी याद आती है..
ज़मी का जड़ों से जो रिश्ता है ये वही रिश्ता है
इसी रिश्ते से ही तो दरख्त हरा दिखता है
पत्ते शाखें टहनियां जब सूख जाते, टूट जाती है
पेड़ जड़ों से उखड़े तो भी मिट्टी.. साथ आती है..-
ता उम्र उसके रहे रूनी पर उसके ना लगे
बड़ी अदाकारी से उम्र तमाम की हमनें .....-
स्नेह डोर कमज़ोर ना थी,पर टूटी, सो तो होना था
तुम नेह के मोती ऐेसे थे तुम्हें पा के रूनी खोना था
जब नेह पात्र पराया हो क्या प्रेम भरा रह पाएगा
है पात्र जिसका, आख़िर चल के..
अधिकार वही तो पाएगा-
गुम हैं..... युगों से..
तभी तो रूनी... उस आदिम खोज में.... .
दोनो तलाशते रहते हैं एक दूसरे मे एक दूसरे को....-
जो मौन मे दूर से हो जाए
वो बात मैं जानू तुम जानो
जो प्रीत नें प्रीत को दिया लिया
रूनी सौगात मैं जानू तुम जानो
वो जो दिल में है ना कह पाए
हर बात मैं जानू तुम जानो
है बीच हमारे जहांमगर
इक डोर हमे जो बांधे है
तेरे मन की मेरे मन के
जज़्बात मैं जानू तुम जानो
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