ऐसी वैसी नहीं
ज़िंदगी का सफ़र हर बार बेहतरीन होता जाता है
और मुझे नयीं उचाईयो पर ले जाता है-
1 MAY 2019 AT 8:16
23 SEP 2021 AT 19:11
वाह-वाह,खूब,सलाम,,उफ्फ!और आह-आह
हिंदी से लुभाकर क्या उर्दू से कत्ल करती तुम-
20 JAN 2017 AT 7:38
बचपन रहता है मस्त
जवानी रहती है व्यस्त
बुढ़ापे से सभी त्रस्त
फिर जीवन होता है अस्त
हो जा तू भी अभ्यस्त
जबरदस्ती जी ले इसे
या बना ले जबरदस्त-
29 APR 2020 AT 11:23
यूँ तो हमारी बहुत कम ही या यूँ कहूँ कि न के बराबर ही बातें हुईं हैं...
लेकिन हर बार आपको और आपकी रचनाओँ को पढ़कर ऐसा लगता हैं जैसे कि हर बार हमारी मुलाकातें हुई है...-
25 JUL 2019 AT 1:01
"जुलाई निकल रही है
और अगस्त आ रहा है
तुम्हारी यादों का सैलाब
जबरदस्त आ रहा है"
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23 JUL 2017 AT 15:42
ज़माना उस जगह पहुँच गया है
कि जब दिल लगाना हो तो इंग्लिश सीखनी पड़ती है
और दिल टूट जाये तो ऊर्दू…
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1 MAY 2019 AT 8:23
हर दिन मंजिल के ख्वाब दिखा जाती है
हर दिन रास्तों पर काँटे बिछा जाती है
वाकई जिंदगी............ तू जबर्दस्त है-