QUOTES ON #चूड़ी

#चूड़ी quotes

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5 DEC 2019 AT 22:15

माँ की रसोई पिताजी का भोजन तक बाँट लिया,
जहाँ सब साथ रहते थे वो घर आँगन तक बाँट लिया।
माँ को दो वक्त की रोटी भी खिला न सके तुम,
फिर किस हक से उसका चूड़ी कंगन तक बाँट लिया।।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)

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17 FEB 2021 AT 22:01

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21 OCT 2020 AT 0:21

तुम्हारी मेहंदी लगा कर चूड़ी का पहनना ,,,

ऐसे मानो जैसे चाय में अदरक का मिल जाना...

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15 MAY 2020 AT 9:11

दिल को उस सुखनवर का लिखा छू गया
आस्माँ से नदी मिलाने का नजारा छू गया

जिससे हाथ मिलाने से भी डरता रहा मैं
चूड़ी के बहाने मनिहार उसकी कलाई छू गया ।
शादाब कमाल

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27 OCT 2018 AT 22:26

तुम्हें आज यूँ सजा-सँवरा बना-ठणा देखकर
मुझे तुमसे आज एक बार फ़िर प्यार हो गया

सोलाह श्रृंगार करके जब तुम यूँ सामने आई
धड़कन रुकी एक पल दिल बेकरार हो गया

अब तलक़ था क़ायल तुम्हारी सादगी का ही
पर आज मेरी पसंद तुम्हारा ये श्रृंगार हो गया

हाँ होंगे लाख तुम्हारे चाहने वाले महफ़िल में
मैं पहले भी निसार था मैं फ़िर निसार हो गया

आवारा समझो पागल मुझे या मसखरा मानो
दीवाना था अभी अब ख़ादिम मैं यार हो गया

चूड़ी, कंगन, हार, बिंदी गालों की यह लाली
तुम्हारी शर्मीली मुस्कान का तीर पार हो गया

कहते हैं सब दिन-ब-दिन पुराना होता है प्यार
मेरा वाला बढ़ रहा है आज ये एतबार हो गया

सुनो! मैं सच कहता हूँ खुल्ले-आम कहता हूँ
मुझे तुमसे आज एक बार फ़िर प्यार हो गया

- साकेत गर्ग 'सागा'

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20 JUL 2017 AT 8:28




कब तक
कविता में सजती रहेगी
चूड़ियाँ सिर्फ गोरी कलाई में
कब तक
गोरा मुखरा ही बसेगा
चाँद की सुंदरता और अंगड़ाई में
कब तक
दूधिया सफेदी
रंगेगी सुंदरता की कल्पना
 कब तक
रंग- भेद की
चलती रहेगी ये विडंबना
कब तक??
Anupama Jha




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5 JUN 2019 AT 6:21

सितारों से सजा दी है,सनम ये माँग अब हमने
कलाई में पहन लो चाँद की तुम चूड़ियों को भी
ज़रा काजल लगा लेना सुनो तुम कान के पीछे
नज़र काली लगाते हैं,जलन में जोड़ियों को भी

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13 OCT 2019 AT 20:53

तेरी चूड़ी की खनखन से हो सवेरा मेरा,
इस ख्याल में ही गुज़र रहा है हर पल मेरा...

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21 DEC 2020 AT 21:15

हर टूटे हुए पत्ते की जगह
मैंने टांग दी
तुम्हारी चूड़ियाँ
..
तुम कहती थी ना
हर चूड़ी के सेट में से
हर बार एक चूड़ी गायब कहाँ हो जाती है
खैर
तुम नहीं हो बेशक़
फिर भी तुम ही हो हर कहीं बेशक़
..
मेरा दिन इन्हीं चूड़ियों की नज़र है
मेरी रातें इनकी खनखन की
आज भी .. !!

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3 APR 2019 AT 15:08

क्यों डाल दिया मेरी ज़िंदगी में इतने पेंच
रे किस्मत!
जब एक चूड़ी भी खोलना तेरे बस का नहीं

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