जिसे दुनिया की भीड़ से निकाला था
वो शख्स था या दिल दुखाने वाला था
लगा जिंदगी की पूंजी तामीर की जो
वो इमारत टूटी हाथ में जब निवाला था
बाद उसके अंधेरा ही रहा जिंदगी में
जब तक मां थी आंखों में उजाला था
ये किसके बहकाने पर बिछड़ गया तू
अब कहीं जाके तो में तेरा होने वाला था
✍️शादाब कमाल
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जैसे किसी पेड़ से कोई साख गिरे
झलकता है हुस्न ए किरदार लबों से तेरे
कब होगा ए जाने जां इजहार लबों से तेरे
कुछ तो ख्याल कर मेरे नाजुक दिल का
सुनने में बुरा लगता है इंकार लबों से तेरे
शादाब कमाल-
उस शख्स में इतना खो गए हम
एक बार जिसके हो गए हम
उसने इतना कहा शादी है मेरी
इतनी सी बात पे रो गए हम
गर्द हटाने की अदा खूब है मेरी
आंसुओं से चेहरा धो गए हम
जिम्मेदारी ने इश्क करने न दिया
वफादार से बेवफा हो गए हम
✍️शादाब कमाल
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दुनिया छोटी है दोस्त मां की बाहों के आगे
हर शय मात खाती है उसकी पनाहों के आगे
क्या अच्छा था क्या बुरा हमे मालूम ही नही
हमने देखा ही नहीं उसकी निगाहों के आगे
✍️शादाब कमाल-
कहने को तो अपना बता रहे थे वो
फिर न जाने मुझे क्यों सता रहे थे वो
एक में जो सारी खताएं टाल रहा था
उधर खताओं का पर्चा बना रहे थे वो
कत्ल करने का भी नयाब तरीका था
सज संवर कर सितम ढ़ा रहे थे वो
किसी बाप की मासूम सी कली को
फ़क़त जहेज़ के लिए जला रहे थे वो
✍️शादाब कमाल-
जानता है इसलिए फरेब करता है मुझसे
वो दो आंसू बहायेगा ओर माफ कर दूंगा में
शादाब कमाल-
तेरे बाद एक भी दिन खुशी का आया नही है
ऐसा भी नहीं है के कुछ कमाया नही है
चमकती दुनिया बुलंदियों की ऊंचाई भी है
लेकिन अफसोस पास मां का साया नही है
शादाब कमाल
Miss u अम्मी 😭-
जो कहता है हरदम मेरे लिए मर जायेगा
वक़्त आने पर मुंह फेर के गुजर जाएगा
वो जो बड़े बड़े वादे करता है मोहब्बत के
किसी ने शख्ती से पूछा तो मुकर जाएगा
कहता है मुझे वो बर्बाद करके छोड़ेगा
बर्बाद इंसान को क्या बर्बाद कर जाएगा
मुझे यकीन है गले से आ लगे उस वक़्त
अना का नशा जिस दिन उतर जाएगा
परदेश रहके ढंगका लिबास न खरीद सका
ऐंसे में वो क्या इंसान अपने घर जाएगा-
परेशानी देने वाले कभी परेशानी से निकाला कर
मुद्दत से अंधेरे में हुँ कभी तो आके उजाला कर
नींद उड़ाई चहरे से चमक छिनी ये सब ठीक है
पर उसकी याद तू नमाज में खलल न डाला कर
✍️शादाब कमाल-
ज़िन्दगी आसानी से किसी को सुहुलत नही देती
गिर जाओ तो फिर उठने का मौका कुदरत नही देती
एक ऐसी महबूबा से है चंद साल से वास्ता हमारा
जो तोहफे में घड़ी तो देती है पर वक़्त नही देती
✍️शादाब कमाल
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