Shabdo ko gehrai
Soch ki bhi gehrai "Darshaati" hai......-
😎Trying to become the best. That is why first I am being... read more
भगवान को भगवान समझता है बुज़दिल
हर जान को इक जान समझता है बुज़दिल
इन्सान को इन्सान समझता है बुज़दिल
बातों से अपनी मैं कभी देता नही धोखा
हाँ सच बोलता हूं कि बुज़दिल हूँ मैं
मैं वो नही जो वक़्त पे बस काम चला ले
जैसे भी बच सके अपनी जान बचा ले
अपनी गर्ज़ पे किसी से भी हाथ मिला ले
ओहदे के लिए गधे को भी बाप बना ले
मैं ढूंढता नही कभी भी ये मौका
हाँ सच बोलता हूं कि बुज़दिल हूँ मै
चाहता नही ख़ुद के लिए आला मुक़ाम लू
तुमको तकलीफ़ दे कर मैं ख़ुद आराम लू
इंसानियत को छोड़ू, फरेबों से काम लू
कुर्सी के लिए झुठ-मूठ राम- नाम लू
मैंने कभी अपने लिये ये ख़्वाब न देखा
हाँ सच बोलता हूँ कि बुज़दिल हूँ मैं
मैं वो नही जो रास्ते मे हाथ छोड़ दूं
वाबस्ता है जो मुझसे वो उम्मीद तोड़ दूं
जिसने यकीं किया है उसी को निचोड़ दूं
नसीब को तुम्हारे मैं अश्कों से जोड़ दूं
ऐसा नही हो सकता कभी मेरा तरीका
हाँ सच बोलता हूँ कि बुज़दिल हूँ मैं
- इक़बाल"मेंहदी"काज़मी-
"आदतें कुछ बुरी भी है मेरी,
पर मैं उन बुरी आदतों का गुलाम नहीं हूँ।"— % &-
मैं बुजदिल नही, तंगदिल भी नहीं,
तेरे इश्क़ की उलझन में हूँ महज़ !!-
शराब जैसा किरदार है
जनाब;
किसी को बे-हद पसंद हैं...
किसी को नाम से भी नफरत है...!!-
हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम मिलते हैं ,,
बस इस ही खातिर हम लोगो से कम मिलते हैं !-
इरादा था जी लूँगा तुझ से बिछड़ कर😗
गुज़रती नहीं इक जनवरी अकेले 😋-
उसको आदत है ,वो चैन से सो जाती है
मैं अपनी नींद लिए बैठा हूँ ,पागल ही तो हूँ ..!!-
तुझे खो कर पाने के लिए लिखता हूँ,
आज भी मैं तुझे भूल जाने के लिए लिखता हूँ !!-
उस से बिछड़ कर फिर हम दोवारा ख्वाबों में मिले
जिस तरह दो फूल पुरानी किताबों में मिले-