किरदार तेरे ग़मों का निभाती रही,
कितनी चालाक तेरी हँसी निकली।-
वो मन की तरह,,,
चालाक और सतर्क था,
और मैं उसके,,,,
प्रेम में डूबकर एहसासों को
उभरने की प्रतीक्षा करता रहा,,,,-
बच्चे कह रहे थे कहानी चालाक भेड़िये की
इधर डर रहा था मैं... कहीं पकड़ा ना जाऊँ।-
बुरा तो हूँ मैं, पर अभी तक अच्छा भी हूँ
चालाक तो हूँ मैं, पर अभी तक कच्चा भी हूँ
एक उम्र ने छीनी है मासूमियत मेरी
उम्रदराज़ तो हूँ मैं, पर अभी तक बच्चा भी हूँ
क़िस्मत ने रौंदा है मुझे अपने क़दमों तले,
झूठा तो हूँ मैं, पर अभी तक सच्चा भी हूँ
- साकेत गर्ग-
लोग चालाक हो रहे है,
ये अच्छी बात है,
पर हर किसी से चालाकी
मूर्खता के पात्र है,-
जिसकी बात ना माननी हो मुझे
फिर उसको खुदा बना लेता हूँ मैं
राम बुद्ध या कृष्णा बना लेता हूँ मैं-
साम दाम दंड भेद जानती नहीं थी ,
प्रेम ने तेरे... मुझे... कुटिल बना दिया ।-
खुदा ने बडी सोच के साथ तुझे बनाया है,
सारी चालाकीयो का शहंशाह तुझे बनाया है।।-
(◍•ᴗ•◍)❤
ये जो करते हो न इशारे तुम मुझे
भरी महफ़िल में छुप छुप कर
लोग चालाक हैं जान लेंगे और
हम जुदा होने को मजबूर हो जायेंगे..?
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