Vìßhál Çhøühâñ   (дAyush╮(. ❛ ᴗ ❛.) ☜)
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Joined 31 December 2019


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7 NOV 2022 AT 7:10

(⁠◍⁠•⁠ᴗ⁠•⁠◍⁠)⁠❤
You are hidden somewhere in every sound
प्रकाश प्रवजलित स्नेह प्रसनता की छाई है छाया
ह्रदय में प्रसनता का अंबार हो जैसे वो रूप तुमने पाया,,
" आन्तरिक मन को छुकर जाती तेरी मीठी मुस्कुराहट ,
मन मरुस्थल को सींच जाती
जैसे लगती तेरी आहट ,
कि भौचक्का खड़ा हूँ देख कर तेरी माया ,,
" प्रकाश प्रवजलित स्नेह प्रसनता की छाई है छाया,,
सौम्य शालीन और संजीदगी का पर्याय हो तुम ,
हर आहट में लगता कही छुपी हुई हो तुम ,
वियोग में भी संयोग की मधुर वेदना का अनुभव करता मेरा मन ,
जैसे बियावन मरुस्थल में शीतल झरने की
कल-कल सी ध्वनि की हो हलचल ,
" प्रकाश प्रवजलित स्नेह प्रसनता की छाई है छाया,
ह्रदय में प्रसनता का अंबार हो जैसे वो रूप तुमने पाया,,

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6 NOV 2022 AT 5:14

(⁠◍⁠•⁠ᴗ⁠•⁠◍⁠)⁠❤
Laughter is fading in the smoke,
दिल्ली ने ओढ़ी धुएं की चादर,
पटाके का धुआं, पराली का धुआं,
👇🏻
Read my captions ☜

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5 NOV 2022 AT 4:34

(⁠◍⁠•⁠ᴗ⁠•⁠◍⁠)⁠❤
Lost in your laughing thoughts.
तुम से कैसा मलाल कर बैठे।
दिल का तुम से सवाल कर बैठे ।।

प्यार करना हमें न आ पाया ।
इश्क़ लेकिन कमाल कर बैठे ।।

ख़ोकर तेरी हंसी ख़्यालों में ।
हम हक़ीक़त खयाल कर बैठे ।।

ज़िक्र तेरा लबों पे क्या लाये ।
अपना चेहरा गुलाल कर बैठे ।।

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4 NOV 2022 AT 12:40

(⁠◍⁠•⁠ᴗ⁠•⁠◍⁠)⁠❤
the one who was a fairy of dreams
क्या,,,कुछ कह रहे थे तुम ?
हाँ,,,कहो क्या कह रहे थे तुम ?

क्यों ये लगा मुझको कि
इक मुझसे ही कहीं तुमने
बातें वो, जो आदतन् शायद
जबकि सबसे ही कह रहे थे तुम

गर यह महज एक गलतफहमी है
तो बहुत हसीं है ये, इसे रहने दो
बहती हवा ने मुझको थाम लिया
जाने उससे क्या कह रहे थे तुम

वो जो ख्वाबों का एक परिंदा था
आज उसको उड़ते देखा है
याद आया बरबस कि एक दिन
वो भी उड़ता है कह रहे थे तुम

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4 NOV 2022 AT 5:34

(⁠◍⁠•⁠ᴗ⁠•⁠◍⁠)⁠❤
I don't have any wish..?
मेरी कोई ख्वाहिश न हो,
सिवाय;
कि मैं तुम्हारे इशारों पर चल सकूँ।
कि मेरी नजर बस उधर को जाए,
जिधर तू इशारा करे।
और हाँ, और मेरी जिह्वा भी बस वही शब्द गढ़े,
जो तू मुझसे कहवाना कहे।

मेरी कोई ख्वाहिश न हो,
सिवाय;
कि तुम मुझे याद रक्खो।
कि मेरे कान बस वही चंद तरंगें सुनें,
जो तू सुनवाना चाहे।
औऱ सुनो, मेरा हॄदय बस वही महसूस करे,
जिससे तुम्हारे तक का सफर आसान बने।

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4 NOV 2022 AT 5:21

(⁠◍⁠•⁠ᴗ⁠•⁠◍⁠)⁠❤
आदत नहीं मुझे चेहरे पर नकाब रखने की,
मैं ताउम्र एक खुली किताब रहा हूं।
चुनिंदा चेहरों ने कोशिश भले की हो पढ़ने की,
लेकिन रूह तक किसी ने पहचाना ही नही।।

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11 MAY 2022 AT 9:19

(◍•ᴗ•◍)❤
#सुनो पगलू ..
क्या तुम्हें पता है.....❤️❤️

जब जीवन मे सब कुछ खत्म-खत्म सा नजर आने लगता है , जिंदगी से मोह छूटने लगता है..हर चीज जो कभी अपना सा था वो सबकुछ हाँथ से फिसलता हुआ नजर आने लगता है.. #और तब मैं......
तुम्हारे आँखों में आशापूर्ण झलक देख लेता हूँ जिसमे मेरे प्रति एक गहरा विश्वास सा नजर आता है जैसे बोल रही हो तुम सब सम्हाल लोगे.....फिर मुझे एहसास होता है अभी सब कुछ खत्म नही हुआ.....
#कुछ_तो_शेष_हैं😍

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10 MAY 2022 AT 18:59

(◍•ᴗ•◍)❤
सुनो पगलु ...
कहा था मेंने.....❤️
कहा था मेंने
एक दिन
यूं तो तुम्हें किसी बंधन में नहीं बांधूंगा..
Read my captions..?

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10 MAY 2022 AT 18:01

(◍•ᴗ•◍)❤
सब रस तोह संग भाए प्रीत
मन की नगरिया आन बसे तुम
जग बैरी हो जाए प्रीत
जग बैरी लागे रे अब मोहे
पिये को मीत बनाए प्रीत
तर्क वितर्क के बंधन छूटे
थम गई मन की भावनाएं
देखू प्रीत तोहे या जग देखूं
मन दुविधा फ़ंस जाएं
चंचल मन अधीर है
कौन डगर अपनाए
सुध बुध बिसरे मन
प्रीत तोहे संग लागे नयन
कैसे तृप्त हो मन मिलन व्यथा से
भावुक मन बिचलाए
जग बैरी हो जाए

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10 MAY 2022 AT 17:43

(◍•ᴗ•◍)❤
खामोशी के समुंदर में छिपे
दिल के अल्फाज होते है

कभी-कभी हम किनारे के
इतने पास होते हैं ।

तभी लहरों से फिर टकरा जाती है कश्ती
फिर हौसलों की ले के पतवार साथ होते हैं।

यों तो अपनी अपनी कश्ती के मुसाफिर हैं सब
पर बिखरते हैं जब दिल के जज्बात ।

तो आंसुओं के बादल एक साथ होते हैं
छिटक के एक बूंद कहीं पड़ती है कहीं
जो किसी के दिल पर ।

हल्का हो जाता है गम
शायद अहसास एक साथ होते हैं।

खामोशी के समुंदर में छिपे
दिल के अल्फाज़ होते हैं।

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