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You are hidden somewhere in every sound
प्रकाश प्रवजलित स्नेह प्रसनता की छाई है छाया
ह्रदय में प्रसनता का अंबार हो जैसे वो रूप तुमने पाया,,
" आन्तरिक मन को छुकर जाती तेरी मीठी मुस्कुराहट ,
मन मरुस्थल को सींच जाती
जैसे लगती तेरी आहट ,
कि भौचक्का खड़ा हूँ देख कर तेरी माया ,,
" प्रकाश प्रवजलित स्नेह प्रसनता की छाई है छाया,,
सौम्य शालीन और संजीदगी का पर्याय हो तुम ,
हर आहट में लगता कही छुपी हुई हो तुम ,
वियोग में भी संयोग की मधुर वेदना का अनुभव करता मेरा मन ,
जैसे बियावन मरुस्थल में शीतल झरने की
कल-कल सी ध्वनि की हो हलचल ,
" प्रकाश प्रवजलित स्नेह प्रसनता की छाई है छाया,
ह्रदय में प्रसनता का अंबार हो जैसे वो रूप तुमने पाया,,
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