तुम्हारा मिलना जैसे जीने का बहाना मिल गया,
बेघर भावनाओं को रहने का ठिकाना मिल गया..!-
Baleshwar Pradhan
(©P..Baleshwar...)
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~प्रवक्ता... रसायन विज्ञान
आपका स्वागत है...🙏🏻😊
मेरे प्रेम की गहराई तुम क्या बता पाओगे,
ब... read more
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मेरे प्रेम की गहराई तुम क्या बता पाओगे,
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Joined 25 November 2018
16 APR AT 21:22
5 FEB AT 18:45
किताबों में पन्नों के बीच रखे फूल फिर खिलेंगे।
ये ज़िंदगी तो मैंने इंतज़ार में गुजार दी,
शायद अगले जनम में फिर मिलेंगे...!-
15 JAN AT 21:06
प्रेम विरह के अलावा कोई भी दर्द
पुरुष के हृदय से आंखें तक ना आ सका..!!-
12 JAN AT 16:16
जिनके नाम पूरी बाग कर दी गई,
❤️
वो गुलदस्ते के लिए रूठे हुए हैं..!-
10 JAN AT 22:09
सूर्यास्त के पश्चात
सभी लौट आते हैं ,
अपने -अपने ठिकानों में,
कुछ मुस्कुराते हुए घरों में,
तो कुछ मायूस से मकानों में..!!
-
9 JAN AT 20:31
खुद को बहुमूल्य समझने वाले लोग भी,
इश्क में ख़ुद को मुफ्त में नीलाम कर देते हैं..ll-
5 JAN AT 16:28
हर किसी की आहट से चौकन्ने हो जाते हैं,
राख में बदले लोग वापस नही आते,
ये बात हर बार भूल जाते हैं।-
3 JAN AT 19:18
तुम आना कोरे कागज पर लिखकर मेरा,
हम साथ मिलकर बनाएंगे उसे हमारा...!-
20 DEC 2024 AT 22:35
फिर एक दिन दुनिया की भीड़ में ,
एक ऐसा शख़्स मिल जाता है l
जो पूरी दुनिया हो जाता है..!!-