ना मांगू मैं तुझसे तो, काजू बादाम रे ..
बस खिला दे, बना के तू गाजर का हलवा रे ..!!
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बन गया है हलवा अब, चख लो सब इक बार
मेहनत हमने कर ली, रिज़ल्ट का इंतज़ार ।।
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रात में गाजर का हलवा,
और हल्दी वाला दूध,
मुझ पर क्या गुजरी,
तू मेरी हालत न पूछ.-
तुम्हारा प्यार जैसे ठंड में
मिल जाए गाजर के हलवे की मिठास
तुम्हारा अहसास जैसे ठंड में
गर्मागर्म चाय की शुरुआत-
ज्ञान तो सब बघार देंगें पर बिठा कर के चाय कोई अपना ही पिलायेगा
पकौड़े पकौड़ी खा सब लेंगे प्याज आलू सब्जी कोई अपना ही छिलायेगा
मार्केट में पड़े हैं तरह तरह के मंहगे पैकेट बंद पकवान शानदार जिल्द में
अपने हाथों के बने तिल के लड्डू गाजर का हलुआ कोई अपना ही खिलायेगा-
तुम मुझे कुछ यूँ जरूर हो
जैसे सरकारी नौकरी हो तुम,
तुम मुझे कुछ यूँ पसंद हो
जैसे गाजर का हलवा हो तुम,
तुम मुझे कुछ यूँ लगती हो
जैसे घर के खाने का स्वाद हो तुम,
तुम मुझे कुछ यूँ दिखती हो
जैसे माँ का आशीर्वाद हो तुम...-
कोई गम नहीं कि इसबार घर से दूर हैं हम
बस गाजर का हलवा अगर साथ होता
तो बात कुछ और थी...!!!-