धान के नाम में बहुत कुछ रक्खा है...!!
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निराश किसान
बैठा हुआ है सर पर सेठ...
मेहनत का नहीं मिलता उचित रेट...
बरसात की आस में सूखे पड़े हैं खेत...
घटती जा रही है अब अपने जीवन की रेत...
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बैठा कुछ पल खेतो में जा कर,
कुछ आनन्द का समय बाँटने।
पर सच बोलु तो मच्छरो ने 2 मिनट भी बैठने ना दिया।😂😂😂😂😂😂😂-
पहाड़ों में अब खेती बाड़ी करना महंगा शौक है,
जिसे हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता।-
चिड़कल्या उडावन्तो,
रोझड़ा भजावन्तो हो,
रात-दिन,
सियाले-उन्याळ,
खेत म्हारो रुखाळतो हो,
बचावन्तो म्हारी खेती,
म्हारे लिए सगे भाई यू बढ़'र हो,
पर म्हारो लालच अर,
उत्तरादी आधुनिकता गी,
हवा ग चक्कर में,
सपरे, यूरिया ग जेहर हू,
टेक्टर ग धुंवा हू,
दम घुट गे,
अर,
बाड़ गी जगह,
झटका मशीन लगा'र,
करंट हू,
इने मार नाख्यो,
म्हे सारा ही हत्यारा हां,
बिचारे ई "अडुआ" गा.....।-
बहुत मशगूल हैं
वो
आजकल बादलों की खेती में
°°°°°
किसी ने
कह दिया है उनसे
मैं आसमां में फसलें उगा रही !-
🍇✍️खेत एवं फसल🍇🐾
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होते हैं जवां खेतों के फसल,
तो अब लोग काटने जाते हैं।
🍇🐾
बना समूह शिद्दत से मिल,
यह काम पूरा कर जाते हैं।
🐾🍇
अब तो जमाना नया है तो
मशीन काम बड़े आते हैं।
🍇🐾
चंद घंटों में कई लोगों के ये
कई काम पूरा कर जाते हैं।
🐾🍇
मशीनों से हुए आसान काम,
तो जीवन गरीब की बेहतर है।
✨🍇
कम लागत, उत्पादन ठीक,
कम समय ये निश्चित बेहतर है।
🐾✨
पर भी लोग एकजुट हुए।
शिद्दत की कहें तो "क्या बात है"!
🍇✨
समय दिया खेतों में अधिक
सबकी अपनी औकात है।
🐾🍇
आज ये मानव सींच पसीने से
खेतों को बहुत चमकाया है।
✨🐾
उनका ही कर्म है खूब खिला!
खेतों में फसल तभी आया है।-