सुनो जी प्यार मेरे, थोड़ी दिल में जगह दो सुनो दिलदार मेरे, मुझे दिल की फतह दो मोहब्बत दिल पे नस्तर चलाती जा रही है कोई खुंरेजी ना हो दिल को ऐसी वजह दो इश्क मे नाम तेरे अपनी ज़िन्दगानी कर दी इश्क मे हमने फना अपनी जवानी कर दी इश्क के नाम अपनी मुकद्दस सी निशानी करके इश्क मे हमने खत्म अपनी कहानी कर दी मौत मिलनी है तो मिल जाये मुझे डर के साये मे नहीं जीना है मेरे हमराह बनो य़ा मुझे दुतकार ही दो ऐसे घुट घुट के मुझे और नहीं जीना है ज़िन्दगी का क्या भरोसा ये आयेगी एक दिन सनम से दूर रह रह कर मुझे ना जीना है इश्क मे जंग का होना भी बड़ा वाजिब है इश्क मे रंग ना होना बड़ा ही जालिम हैं इश्क निभना और निभाना बड़ा ज़रूरी हैं इश्क मे मौत से मिलना भी बड़ा लाजिम है।