क़िताबों की दुनिया में बेहिसाब पन्ने हैं,
पर हर पन्नों में ज़िक्र तेरा नज़र आता है।-
मेरा 2 साल का बेटा किताबों के बारे में कुछ जानता तो नही लेकिन इतना जरुर समझता है की कोई जरुरी चीज है, जिसे संभाल कर रखा जाता है। दिन में एक बार किताबों के नजदीक बैठता जरुर है।
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मैं अकेला था तब मैंने
बहुत सारे दर्द बयां की है
अपनी किताबों में ,
उस सारे दर्द को मैं
कम करना चाहता हू,
मैं एक बार फिर से
अपनी दस्ता सुनाना चाहता हूं-
कुछ लोगों ने मुझसे पूछा तुम्हारा
"किताबों" से क्या "नाता" है,
मैं बोली बस इतना सा "नाता" है की
जो मेरे "अंदर चलता" है वो "लोगों" में बहुत "कम",
"किताबों" की "पंक्तियों" में "अधिक" मिल पाता है..!!
(:--स्तुति)-
ख़ुद को इतना रहस्यमय बनाओ
हर कोई जानना चाहे!
ख़ुद को ऐसी किताब बनाओ
पढ़े तो कोई भी पर समझ ना पाए!
जो मिले तुमसे दुबारा मिलने को मजबुर हो जाए!
जो कर ले दीदार तुम्हारा वो रातो को सो ना पाए!
लब्जो में वो नज़ाकत हो कि वो फ़िर उसी लम्हे के
इंतज़ार में ही खोया रह जाए!!
ख़ुद को खुली किताब ना बनाओ की कोई भी
पढ़े और रद्दी के भाव बेच के चला जाए!-
यादों की सरजमी ं पर तेरा धुंधला सा अक्स,
वीरान ज़िंदगी को रौशनी से भर जाता है,
पुरानी किताबों में छुपे सूखे गुलाब की तरह
तसव्वुर तेरा सहरा-ए-दिल महका जाता है !-
अब सिर्फ़ किताबो के पन्नो की तरह ही जिंदगानी है,
बस पलटे जा रहे है,
ख़बर नही है, आ रहें हैं या जा रहे हैं।-
दिल लगाना हो, तो सिर्फ़ दृष्टि आईएएस की किताबों से लगाओ,
अगर बेवफ़ा भी निकली तो...... आईएएस बना कर ही छोड़ेंगी।।-
जिन मुश्किलों का ज़िक्र किताबों में नहीं होता,
उनका solutions भी out of books होता है।-
मुद्दत हो गई थी किताबों में हाथ डाले,
शेर सारे कुछ चूहों ने काट डाले।
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