ऐ खुदा इस ज़मी पर कही तो तेरा नूर होगा
आसमान को ज़मी से तुने मिलाया तो कभी ज़रूर होगा |
बदलते देखा हैं तुने
पूरी कायनात को ,
अब तो बता दे ,
मेरे जाने के बाद
मेरी कब्र पर रोने कोई आया तो ज़रूर होगा |-
एक वादा था मेरा रोज तुझसे मिलने का...!!
देख आज मैं फिर तेरी कब्र पर आया हूँ...!!-
ऐ मौत...!
क्या सुनाऊं अपने सब्र की कहानी,
तू उम्र भर रही, मेरी कब्र की रवानी...-
मैंने ख़ोद कर रखी है, तेरी आँखों में, कब्र मेरी
बस उसपर तुम,पलकों का, क़फ़न उड़ाए रखना-
Part - 1
सच्ची कहानी
शीर्षक :- अवि की प्यासी कब्र ।
ये कहानी एक कब्र की है जो अवि के प्यार की प्यासी है ,
शायद भगवान को यही मंजूर था ।
Full story
- Read in caption
plz puri story pde 🙏🙏-
कब्र पर फूल चड़ेगे, और दुआ भी होगी
अपनों से मिले बिना 'ईद' मुक़म्मल नहीं होगी
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सुनो,..
मेरी कब्र में खड़े होकर रोना मत.. मैं वहां नहीं..
मैं तुम्हारी हर इक कविताओं में मिलुंगी..-
कुछ जख्म भराए नहीं भरते
जान चली जाती है साहेब
मगर दाग मिटाए नहीं मिटते-
कीमत से ज्यादा रूलाऐंगे ये बिस्तर तुम्हें,
मेरी मानो और कब्र का इंतजार कर लो।-
पूरा भरा पड़ा है!! दिमाग मेरा!
जाने कितने अजनबी ख्याल दफ्न है??
इसमें!!
कितना अजीब है ना!!
दिमाग में एक कब्र का होना!!!
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