तुम जिस शख्स को तलाश रहे हो मुझमे..!!
𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹
मैं उसे कब का मार चुका हूँ अपने अंदर..!!-
तेरी मुश्किल ना बढ़ाऊँगा चला जाऊँगा..!!
अश्क आँखों में छिपाऊँगा चला जाऊँगा..!!
अपनी दहलीज पर कुछ देर पड़ा रहने दो,
जैसे ही होश में आऊँगा चला जाऊँगा..!!
मुद्दतों बाद में लौटा हूँ पुराने घर में,
खुद को जीभर के रुलाऊंगा चला जाऊँगा..!!
और कुछ यादें मुझे बच्चों की तरह प्यारी है,
उनको सीने से लगाऊंगा चला जाऊँगा..!!
इन महलात से मुझे कुछ भी नहीं लेना है,
बस तुझे देखने आऊंगा चला जाऊँगा..!!
और मैंने ये जंग नहीं छेड़ी यहां अपने लिए,
तख़्त पर तुमको बैठाऊंगा चला जाऊँगा..!!
तेरी मुश्किल ना बढ़ाऊँगा चला जाऊँगा..!!
अश्क आँखों में छिपाऊँगा चला जाऊँगा..!!
- by Noman Rasheed-
सुना है आज बहुत उदास हो तुम..!!
सुना है अब किसी के पास हो तुम..!!
अंदाज़ बदल गए जो हर शक्स के,
सुना है अब उनके अल्फाज़ हो तुम..!!
जिस मैखाने का मैं करता था नशा,
सुना है उसका नशा-ए-ताज हो तुम..!!
मेरी निगाहें तलाशती थी जिसे,
सुनाई दी थी मुझे वो आगाज हो तुम..!!
किसी कोने में मैं खोया था कभी,
मेरे अन्दर आए सारे बदलाव हो तुम..!!
मेरी रूह ने सुलाया मेरे जिस्म को,
मुझसे निकली आखिरी अवाज हो तुम..!!
मैंने बस सुना है ये भी सुना ना तुमने,
मैं जो सुनना चाहता हूँ वो आज हो तुम..!!-
फिर किसी को आजमाया जाएगा..!!
जब मेरा मुक़दमा दोहराया जाएगा..!!
चीखें सुनकर लोग कर देंगे अनदेखा,
जब बीच चौराहे मुझे जलाया जाएगा..!!
( More in Caption )-
हर बार रूठना भी तो अच्छी बात नहीं..!!
ऐ खुदा...
फिर ये जिंदगी मुझसे नाराज क्यूँ है..!!-
अभी कोई कमी नहीं है,
परेशानी मुझे कहीं नहीं है..!!
होगी गलती मेरी सही पर,
मेरी मानो सही नहीं है..!!
मंज़िल भी अब रहीं नहीं है,
उड़ाने भी अभी भरी नहीं है..!!
छोटे ख्वाब की कश्ती मेरी,
जिसका दरिया कहीं नहीं है..!!
क्या मेरी पुकारे सही नहीं है,
मेरी रूह की आहे रुकी नहीं है.!!
बरसों बाद जो मिटी दूरीयां,
अब आए करीब वो सही नहीं है..!!
छोड़ो ये जिंदगी सही नहीं है...
मेरा हमसफ़र...कहीं नहीं है..!!
अब क्या ही करना...
दो दिन खुश होकर...
दर्द से दुश्मनी...सही नहीं है..!!-
कब तक दुआओं में नज़र करोगे..!!
और कितना अपना हश्र करोगे..!!
थके नहीं तुम यार अभी भी,
कब तक मौत का सफ़र करोगे..!!
कब तक ख्वाबों को अजर करोगे..!!
और कितना उसका सब्र करोगे..!!
छोड़ो यार तुम दिल्लगी भी,
कब तक दिल को बेअसर करोगे..!!-
ये कौन है जो मेरे खत जला रहा है..!!
आहिस्ता से अपनी ओर बुला रहा है..!!
मैं तो महज एक छोटा सा पेड़ हूँ,
वो पानी दे कर मुझे बड़ा बना रहा है..!!
मैंने तो किसी से कोई वादा नहीं किया,
ये कौन मुझपे इतना हक जता रहा है..!!
मेरी हर कहानी के किस्से सुना रहा है..!!
मेरी बेगुनाही साबित करे जा रहा है..!!
यार ये कैसा वास्ता है उस गैर से मेरा,
एक अजनबी मुझे अपना बना रहा है..!!
ये कौन है जो मेरे खत जला रहा है..!!
आहिस्ता से अपनी ओर बुला रहा है..!!-
हमें इश्क़ नहीं है उनसे और नफ़रत भी नहीं है..!!
𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹
दिल्लगी भी चाहते हैं और हसरत भी नहीं है..!!-
आज भी गुजरा मेरा कल की तरह..!!
𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹 𖧹
कोई बताएगा मुझे कल नया क्या है..??-