करूँ क्या मैं की तुम प्रणय निवेदन स्वीकार करो,
हो तेरा ह्रदय द्रवित की प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
बोल के कह नहीं पाता, आँखों के बोल समझा करो,
नृत्य मयूर सा करूँ तो प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
आगे पीछे मैं तेरे फिरूँ और हरदम मैं बतियाता रहूँ,
गुटरगूँ कपोत सा करूँ, प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
निहारूँ तुमको मैं शांत मन से, होने का मैं अहसास दूँ,
बनूँ उदाहरण सारस सा, प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
करूँ उछलकूद, या छलांगे, की तुम कुछ रीझ जाओ,
है करतब नीलकंठ सा, प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
सुंदर सलोना है घरौंदा, मनमोहक है मेरी कलाकारी,
सुंदर घर मेरा है बया सा प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
कष्ट मन का कैसे बताऊं, कैसे तुमसे चाहत दिखाऊँ,
विरह गीत पपीहा सा, प्रणय निवेदन स्वीकार करो! _राज सोनी-
1 NOV 2020 AT 9:22
24 JUL 2020 AT 17:13
जिस दिन तुम्हारे
खत का इंतज़ार था मुझें,
उस दिन तमाम पंछी
कबुतर लगे मुझे....!!!-
1 APR 2018 AT 20:50
दरख़्त पर बैठा कबूतर , उड़ गया देखो
क़ज़ा के शानों पर ,कैसे मंडरा रहा देखो-
9 OCT 2020 AT 16:08
पंछियों का हमारे आंगन में आना
कबूतर तो कभी चिड़ियों का सौर मचाना
हमारा उन्हें रोज सवेरे दाना डालना
उनका आना और गुर्शल के साथ दावत उड़ाना
फिर अपने - अपने घर को लौट जाना
(धामा आशीष)-
1 MAR 2020 AT 16:57
दिल में बैठे भावों से हम ख़ुद लड़ नहीं पाते हैं,
फिर दोष क्या दे उन्हें जो फायदा इसका उठाते हैं।-
4 FEB 2020 AT 9:37
दिल तो वो कबूतर है,
जो हर वक़्त पैगाम भेजता है।
तुम तक पहुंचे न पहुंचे,
मगर इबादत तमाम करता है।।-
29 JUN 2021 AT 9:15
हृदय के कबूतर को
तेरे छत की आदत हो गयी है
चाहे तू डाले या न डाले
प्रेम का दाना।-