मेरी इबारत में तू कोई कातिब बन जा,हर्फ और नुक्तें में कोई आयत बन जा,
ये जज्बातों का मसला नहीं,मेरे हर अल्फाज में तू आफरीन बन जा!!
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उनके बेपर्द आँखों से अपनी क़ायनात सुलह कर लिया...
रियात_ए_मोहब्बत में आफरीन अंजाम तय कर लिया❣️❣️❣️
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तेरे साथ गुज़र रहा है
ये सफ़र बेहद हसीन है..
गर मंज़िल नहीं भी मिली तो
यक़ीनन ये ज़िन्दगी आफरीन है..-
जाने कैसे तुने बांधे अखियोंसे डोर
दिल मेरा खिचा चला आया 'तेरी ओर...
मेरे चेहरे पे सुबह, जुल्फो की छाव
मेरा सब कुछ हैं पिया अब से तेरे नाम...
नजरो ने तेरी छुआ हैं जादू कैसे हुआ
होने लगी मै हसीन...!!
आफरीन... आफरीन... आफरीन-
तेरी दुआओं पर आफ़रीन
तेरे अख़लाक पर आफ़रीन
मेरे दिलनशीं..... आफ़रीन
तेरी हर अदा, पर आफ़रीन-
आपकी सिमटी हुई नज़ाकत बड़ी दिलनशीन
नजरों की कातिल अदाएं बेशक आफरीन
उफ़ आपका रूठ जाना, है बड़ी ज़ालिम
और नाराज़गी आपकी वाह, बेहद हसीन-
तेरा आफरीन होना पसंद है मुझे।
तू अपने नामो के पीछे Rizwii ना लगाया कर।
तेरा मुस्कुराना पसंद है मुझे
तू यूं मुंह ना बनाया कर।
तेरा मुझे बार बार देखना पसंद है मुझे
तू मुझे नहीं देख सकती तो
मेरे तस्वीरों को देख कर मुस्कुराया कर।
हां तेरा आफरीन होना पसंद है मुझे
तू आफरीन ही लगाया कर।-
ग़ज़ल की किताब लिख दूँगा,तुझे
महकता गुलाब लिख दूँगा।
कई रोज़ से नज़र नही आया,तुझे
ईद का महताब लिख दूँगा।
हैरत है फिर से जी गया मैं,तुझे
हयात-ए-आब लिख दूँगा।
खुली आँखों से देखता रहता हूँ,तुझे
अधूरा ख़्वाब लिख दूँगा।
दिल मे कई अज़ाब है मिरे,तुझे
सारा हिसाब लिख दूँगा।
आफरीन,देख तुझे मैं नशे में हूँ,तुझे
नशीली शराब लिख दूँगा।-
आफरीन ऐ खुदा मुझे जो उससे मिलाया
ज़िन्दगी जीने का सलीका उसी ने सिखाया
मैं डगमगाती राही थी
हाथ पकड़ चलना उसी ने सिखाया
ज़िंदगी को हसीन उसी ने बनाया
आफरीन ऐ खुदा मुझे जो उससे मिलाया
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