जब भी तू क़रीब आता हैं,
न जाने कैसे हफ्ता भी पल में गुज़र जाता हैं..
तब सब सूना सा हो जाता हैं..
जब तू वापस जाता हैं...
Miss U So Much Babu...
😘😘😘-
वाह-वाह कहेंगे..
खूब क्या बहुत खूब भी कहेंगे...
हमारे हर लफ्ज को..
क्या बात, कहें... read more
शीशा हो या दिल हो साग़र,
टूटने के बाद बिख़र जाये तो ही बेहतर हैं..
क्योंकि दरारें न तो जीने देती हैं..
न ही मरने देती हैं...-
कसूर उनका नही..
जो मुझसे दूरियां बना लेते है साग़र..
रिवाज है जमाने में पढी किताबें ना पढने का...
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ख़्वाब होता तो उन्हें भूल भी जाते साग़र
सच्ची मोहब्बत क़भी भुलाई नहीं जाती-
क़भी क़भी तूफ़ान का आना
भी ज़रूरी होता हैं साग़र
क्योंकि यू ही साहिल पे पहुँच
जाने में मज़ा कहाँ हैं-
ग़र नहीं था ऐतबार, तो साथ दिया क्यों...???
ग़र दर्द से था इनक़ार, तो इश्क़ किया क्यों..??
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वक़्त अक़सर बदलनें को मज़बूर कर देतें हैं साग़र
पर खिलाड़ी तो वहीँ हैं जो ख़ुद को नहीं,
वक़्त को बदल दें-
ख़ामोशी से सुनते हैं
सब सेह जाते हैं हम साग़र
फ़िर भी न क़भी कुछ हम केह पाते हैं
फ़र्क़ तो बेशक़ पड़ेगा उन्हें हमारें जानें का साग़र
क्योंकि वो तो सिर्फ़ हमें ही बड़े शौक़ से सुनाते हैं-
हद से ज़्यादा तक़लीफ़ तब होतीं हैं साग़र
जब ज़िन्दगी ख़तम होने से पेहले ही,
कहानी ख़तम हो जाती हैं-