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जश्न-ए-आजादी हम तभी मनाएंगे
हिन्दुस्तान के सभी चेहरे जब मुस्कुराएंगे
उन शहीदों की शहीदी पे सर झुकाएंगे
उनकी कुर्बानियों की अकीदत जब समझ जाएंगे-
प्यार खुशी है
खुशी घुटन में मर जाती है
प्यार आज़ादी है
आज़ादी बहुत त्याग मांगती है
प्यार त्याग है
त्याग हमेशा स्वेच्छा से होता है
नाराज़गी या नफरत से नही
प्यार नफरत नही है
पर नफरत और प्यार
एक रूप से समान है
नफरत तोड़ देती है
प्यार भी तोड़ देता है।-
उन्मुक्त कुछ इस तरह हो जाऊं इस गगन में,
कि फिर कोई इस धरा पर बंधन ना डाल सके...-
🧡🌼💚
स्वतंत्रता एक शब्द मात्र नहीं है,इसमें समाहित है-
असंख्य भावों की मंदाकिनी, वीरता का स्पंदन,
करुणा का रुंदन, कुछ अमर गाथाओं का वर्णन।
वर्षों पूर्व हम अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होकर,
एक नए युग की कल्पना में तत्पर हुए।
तन को स्वतंत्रता प्राप्त हुई पर क्या मन ने स्वीकारा इसे?
मन पर बेड़ियां लगा कर भी कैसे मनाते हो तत्व मात्र की स्वतंत्रता?
द्वेष,घृणा,लालच,दुराचार भीतर रखकर मात्र झंडे फहराने और नारे लगाने को मैं स्वतंत्रता की श्रेणी में नहीं रखती।
स्वतंत्रता सिर्फ एक दिन का जश्न,पुस्तको में पढ़ाया गया शब्द नहीं है।
यह मन का भाव है, मन से स्वीकारें इसे।
जय हिंद🇮🇳-
खून का आखरी छींटा उड़ना अभी बाकी है
देश तो अभी आधा आजाद हुआ है
पूरा आजाद होना अभी बाकी है
इंकलाब जिंदाबाद-
आजाद है मुल्क अपना, बोलने की आज़ादी है
फिर क्यों चुप बैठे हैं, जहां हो रही अत्याचार है
गरीबों के कोई साथ नहीं, फैलीं बस लाचारी है
अमीरों की नगरी में, बिक चुकी अब सरकार है
आगे बढ़, हाथ मिला, मदद करनी जरूरी है
सरकारें नहीं आने वालीं, व्यर्थ करना इंतजार है
कर बुलंद हौसले अपने, आवाज उठाने की घड़ी है
आजाद है मुल्क अपना, बोलने की आज़ादी है ।।-
ना हिन्दू ना सिक्ख ना मुसलमान हैं हम,
इस आजाद देश की एक आवाम हैं हम,
मुक्त हैं अंग्रेजों के कैद से अब,
पर अपने नेताओं के आज भी गुलाम हैं हम!!-