तरसती इन निगाहों को तेरे दीदार का,
ये बरसात की बूंदें लूफ्त पहूंचा गई।-
Bas apne jazbat likhta hun.
इश्क दो तरफा हीं हो जरूरी नहीं
वो राज़ी हर बात में हो जरूरी नहीं
हम तो दिल पतझड़ में दे बैठे
प्यार भरी बरसात में हो जरूरी नहीं-
Itna sukoon toh "संगीत" me bhi nahi,
Jitna teri "पायल" ki jhankar
Sun kar milti hai.-
आजाद है मुल्क अपना, बोलने की आज़ादी है
फिर क्यों चुप बैठे हैं, जहां हो रही अत्याचार है
गरीबों के कोई साथ नहीं, फैलीं बस लाचारी है
अमीरों की नगरी में, बिक चुकी अब सरकार है
आगे बढ़, हाथ मिला, मदद करनी जरूरी है
सरकारें नहीं आने वालीं, व्यर्थ करना इंतजार है
कर बुलंद हौसले अपने, आवाज उठाने की घड़ी है
आजाद है मुल्क अपना, बोलने की आज़ादी है ।।-
Here I'm again waiting for your message
as well as your "good night"-
Wo jo tere pass baith kar milti hai,
Log sayad use hi सुकून kehte hai.-
यूं ख्वाबों में आकर जो निंदे बर्बाद करतीं हो,
काश जिन्दगी में आकर मुझे आबाद कर देती।-