SUSHIL KUMAR VERMA   (Sushil Kumar Verma✅)
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Joined 21 November 2017


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Joined 21 November 2017
9 JUN 2020 AT 12:52

ये कोरोना एक मोटिवेशनल स्पीकर जैसा लग रहा है
बेजान पटरी पर चल रही दुनियां को
सीधे पटरी पर ला रहा है
प्रदूषित पर्यावरण को, साफ और स्वच्छ बना रहा है
कुछ तो है कोरोना में,
इसलिए वायु प्रदुषण रोक रहा है
कोरोना ही है जो लोगो को
स्वच्छ रहने का पाठ पढ़ा रहा है
मानव पर्यावरण के बिगड़े समीकरण को
फिर से जोड़ रहा है
सड़क दुर्घटनाओं को रोक रहा है
लेकिन अब चल जा कोरोना
फिर जब बिगड़े हालत तब आना

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10 MAY 2020 AT 7:10

परेशानी चाहे जितनी भी हो
हमारे लिए मुस्कुराती है मां

हमारी खुशियों की खातिर
दुखों को भी गले लगाती है मां

हम निभाएं या ना निभा पाएं अपना फर्ज
लेकिन हर फ़र्ज़ निभाती है मां

हम जो देखते हैं सपना
उसे सच बनाती है मां

साया बन कर साथ निभाती,
चोट न लगने देती है मां
पीड़ा अपने उपर ले लेती
हमेशा सुख देती है मां

चूल्‍हे की आग में खुद को तपाती
बच्चे की ग़लतियाँ ममता में भुला देती है मां

मै कितना भी लिख दूं,
लेकिन तेरे आगे वो सब कम पड़ जाता है मां।।

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23 JUN 2019 AT 7:30

कुछ तो है तेरी दोस्ती में

उम्र महज 4 वर्ष की थी, जब मैनें स्कूल में पहल कदम रखा,
पहले दिन ही क्लास में एक दोस्त बना लिया,

कुछ तो थी उसकी दोस्ती में,मुझ नासमझ को समझदार बना दिया,
कोई नहीं जानता था मुझे,मेरा पहचान बना दिया!
कुछ तो थी उसकी दोस्ती में!!

उसकी दोस्ती ने मुझे attendance में 100 प्रतिशत दिला दिया,
उसे देखकर हर कार्य आसान सा हो गया
कुछ तो थी उसकी दोस्ती मेें!!

वो सचमुच सच्ची दोस्त थी,हर समय अपना साथ दिया,
लाती थी जो खाने में वो भी साथ में बाँट दिया,
कुछ तो थी उसकी दोस्ती में!!

छोटू थे हम उम्र में उससे ,
लेकिन वो मुझे बड़ो जैसा सम्मान दिया...............???



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14 JUN 2019 AT 7:11

Love एक शब्द नहीं,
बल्कि आपस में भावनात्मक सम्बन्ध है!!

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27 MAY 2019 AT 9:23

अमीर है तु पैसों का,
दिल का अमीर तो मैं हूँ,
प्यार है तुझे पैसों सेे,
लोगो से प्यार करता मैं हूँ,
तेरा तो निर्जीवों की बस्ती है,
मेरा तो जीवन सजीवों में बसती है!!

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27 APR 2019 AT 21:43

परीक्षा परिणाम से घबराये नहीं,
आत्मविश्वास से काम लें

यूपी बोर्ड द्वारा शनिवार को हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट का रिजल्ट घोषित किया गया!रिजल्ट में असफल छात्र निराश न हों। आगे भी कई अवसर हैं। संयम रखते हुए आत्मविश्वास से आगे की राह देखनी चाहिए! परीक्षा परिणाम जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं हो सकता।परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने या कम अंक आने की वजह से आत्महत्या जैसी बात तो सपने में भी नहीं सोचनी चाहिए। यह तो जीवन की एक सीढ़ी है, जिसके सहारे आगे बढ़ा जाता है। अगर किसी को सफलता किन्हीं कारणवश नहीं मिल पाई तो घबराने या हताश होने की बजाय हिम्मत से काम लेना चाहिए। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के रिजल्ट में जिन छात्रों को किन्हीं कारणों से सफलता नहीं मिल पाई है, उन्हें हताश होने की बजाय आगे के मौके तलाशने चाहिए। असफल छात्र कंपार्टमेंटल या अगले वर्ष दोबारा परीक्षा देकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।असफल विद्यार्थी अपने आत्मविश्वास में कमी न आने दें। आत्मविश्वास में कमी से आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं।
इस परिस्थिति में अभिभावक को अपने बच्चों को अकेले नहीं छोड़ना चाहिये!अभिभावकों को चाहिए कि रिजल्ट के पहले अपने बच्चों के व्यवहार में आने वाले प्रत्येक परिवर्तन पर नजर रखें।अभिभावक अपने बच्चों को हताशा की बजाय सकारात्मकता से भरकर आगे के विकल्प तलाशने में मदद करें।

सुशील वर्मा,गोरखपुर विश्वविद्यालय

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26 APR 2019 AT 12:02

दो भावनाओं की समझ प्यार है,
बाकि सब तो प्यार के नाम पर खिलवाड़ है!!

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22 APR 2019 AT 19:48

What is the
difference between parent's love and gf-bf love??
माता-पिता और प्रेमी-प्रेमिका के प्यार में क्या फर्क है??
(कमेन्ट में जवाब अवश्य दें)

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22 APR 2019 AT 10:07

निवेदक- सुशील वर्मा
"स्नातक छात्र"
गोरखपुर विश्वविद्यालय

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4 APR 2019 AT 13:48

आज मेरा जन्मदिन है

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