Ragghuraj Singh Ranawat   (Specieal Raghuraj)
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Joined 19 March 2018


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Joined 19 March 2018

लोग शक्ल भी इंसान देखकर देखते हैं
फिर यूं ही किसी पर कैसे विश्वास करें...

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25 APR AT 13:32

जीवन की उलझने
तो फिर ढूंढ पाता उसकी भी सुलझने...

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25 APR AT 13:30

खुद के जिंदा
होने का प्रमाण...

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25 APR AT 13:21

चार दिन की जिंदगी में दो दिन हंसकर खुशी से जिया करो
पता नहीं किसी तीसरे दिन कौनसी मुसीबत आ जाए और चौथे दिन तक हम उससे ही झूझते रहें...

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21 APR AT 21:57

मैं इश्क की जगह प्रेम करने में विश्वास रखता हूं
क्योंकि प्रेममय होने के पश्चात प्राप्य या अप्राप्य दोनों अवस्था में फिर ईर्ष्या का भाव ही नहीं रहता...

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21 APR AT 21:28

जब चढ़ता है तब कई कई दिनों तक
अपनी तपन बरकरार रखता है...

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20 APR AT 20:37

जरूरत से ज्यादा किसी का पीछा मत कीजिए
चाहे फिर वो वस्तु, व्यक्ति, स्थान या कोई चीज क्यूं ना हो...

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20 APR AT 13:45

अपने दुख में अकेले हो तो क्या हुआ
सुख में जो भी साथ आना चाहे उसे आने देना...

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20 APR AT 12:33

किसी को वक्त पर पैसा नहीं मिला
किसी को वक्त पर पसंदीदा इंसान नहीं मिला
किसी को वक्त देने के लिए वक्त नहीं मिला
किसी को किसी से बात करने के लिए वक्त नहीं मिला
किसी को वक्त मिला तो पैसा नहीं मिला
किसी को वक्त मिला तो खुशियां नहीं मिली
किसी को पैसा और वक्त दोनों मिले पर सुकून नहीं मिला
किसी को वक्त मिला फिर भी वो खुद से नहीं मिला...

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19 APR AT 19:54

जीवन का परम सुख...

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