अच्छे दिन आएंगे....
गौर फरमाइएगा जनाब,,,
अच्छे दिन आएंगे....
लेकिन कोई हमे ये तो बताये ....
बुरे दिन कब जायेंगे ???....-
शाखें अगर रही तो पत्ते भी आयेंगे दिन है बुरे तो अच्छे भी आयेंगे..— % &
-
आते है दिन हर किसी के बेहतर...
यूं जिन्दगी के समंदर में,
हमेशा तुफान नहीं रहा करते...😎
❤__sIllenT__kIlleR__vIllen__❤-
अच्छे दिन को देखने के लिए,
बुरे दिनों से गुजरना पड़ता है।
🙏🙏♥️सुप्रभात आप सभी प्रिय दोस्तों को 🙏🙏♥️-
कटाक्ष...
अच्छे दिन तो नहीं, महामारी आ गई!
अब सोचता हूंँ, हाथ धोते-धोते, हाथ की रेखा ही बदल लूँ!!
😃🙏🌸-
ये अच्छे लड़के किस गली,शहर में मिला करते हैं?कि कोई बतायेगा!!
वो कह गया है कि मुझे भूल जाना,तुम्हें अच्छे लड़के मिलेंगे.....🙅🏻-
प्रेम में डूबा प्रेमी, pubg में डूबा player दोनों में कोई अंतर नहीं
दुनिया से दोनों को मतलब नहीं ना ही भविष्य का कोई चिंतन
बेरोजगारी इतनी है लेकिन बात कोई करता नहीं
डेढ़ जीबी डाटा में उलझा अब बच्चा भी किसी की सुनता नहीं
बेरोजगारी पर लिखूं तो क्या लिखूं, अंध भक्तों को इसमें भी कुछ दिखता नहीं
समय आने दो, बदलेंगे हम और बदलाव भी होगा
नहीं सुधरे अगर ये अगला उम्मीदवार बेरोजगार भी होगा
थकना नहीं है, रुकना नहीं है, आगे बढ़ते जाएंगे
किसी और से आस नहीं, अब हम खुद अच्छे दिन लेकर आएंगे-
एक बादशाह ने रफूगर रखा हुआ था, जिसका काम कपड़ा रफू करना नहीं, बातें रफू करना था.!!
एक दिन बादशाह दरबार लगाकर शिकार की कहानी सुना रहे थे, जोश में आकर बोले - एकबार तो ऐसा हुआ मैंने आधे किलोमीटर से निशाना लगाकर जो एक हिरन को तीर मारा तो तीर सनसनाता हुआ हिरन की बाईं आंख में लगकर दाएं कान से होता हुआ पिछले पैर के दाएं खुर में जा लगा.
जनता ने कोई दाद नहीं दी, वो इस बात पर यकीन करने को तैयार ही नहीं थे.
इधर बादशाह भी समझ गया ज़रूरत से ज़्यादा लम्बी छोड़ दी.. और अपने रफूगर की तरफ देखने लगा,
रफूगर उठा और कहने लगा.. हज़रात मैं इस वाक़ये का चश्मदीद गवाह हूँ, दरसल बादशाह सलामत एक पहाड़ी के ऊपर खड़े थे हिरन काफी नीचे था, हवा भी मुआफ़िक चल रही थी वरना तीर आधा किलोमीटर कहाँ जाता है... जहां तक बात है 'आंख' , 'कान' और 'खुर' की, तो अर्ज़ करदूँ जिस वक्त तीर लगा था उस वक़्त हिरन दाएं खुर से दायाँ कान खुजला रहा था, इतना सुनते ही जनता जनार्दन ने दाद के लिए तालियां बजाना शुरू कर दीं
अगले दिन रफूगर बोरिया बिस्तरा उठाकर जाने लगा... बादशाह ने परेशान होकर पूछा कहाँ चले रफूगर बोला बादशाह सलामत मैं छोटी मोटी तुरपाई कर लेता हूँ, शामियाना सिलवाना हो तो *इंडियन मीडिया* को रख लीजिए !!
😂😂🤣🤣😜
बादशाह ने तुरंत सलाह मान ली, और मुल्क मजे ले रहा है।-
नसीब आज़माने के दिन आ रहे है
करीब उन के आने के दिन आ रहे हैं
जो दिल से कहा है जो दिल से सुना है
सब उन को सुनाने के दिन आ रहे हैं
टपकने लगी उन निगाहों से मस्ती
निगाहें चुराने के दिन आ रहे हैं।।-