अच्छे दिन चाहते है
अच्छी रातें चाहते है
ये जो ला सके
हम ऐसी सरकार चाहते है..
शिक्षित आवाम चाहते है
समझदार हुक्मरान चाहते है
भ्रष्टाचार मिटा सके
हम ऐसा सुशासन चाहते है..
पक्की सड़कें चाहते है
बहती नहरें चाहते है
आवाम को दिखे
हम ऐसा विकास चाहते है..-
हर अच्छे दिन की शुरुआत बार बार करता रहा
बिगड़ी हालात को संवारता रहा
फटे हुए बादल से आयी बरखा बहार
पहाड़ की छाती से निकाल आया वृष्टि बहार
बह गए सब खुशियों का मंजर
गुम हो गई कोयल की कू- कू
प्राचीन में बसा धरोहर देख देख पाता हूं
बिगड़ी हालात.....
टूटे हुए सपनों की कौन लिखेगा कहानिया
अंतर मन की व्यथा कौन सोनेगा
हार कहा माना राह कंहा छोड़ा
नए रूप कोशिश करता रहा बार बार
हर अच्छे दिन की शुरुआत बार बार करता रहा।।
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जाने कैसी हवा चल रही, जो बढ़ने में साथ ही नहीं देती..
किस्मत भी रूकी है, बढ़कर कभी आवाज ही नहीं देती..-
बदलाव लाएंगे, खुशहाली लाएंगे
फिर से वही पुराना खेल दोहराएंगे
अनेकता में एकता का स्वांग रचाएंगे
पीठ पीछे वही दंगे फसाद करवाएंगे
नोटों के बंदरबांट से चेहरे खरीदे जाएंगे
कुर्सी पाने की खातिर कुछ भी कर जाएंगे
लुभावने सपने,नौकरी का वादा करते जाएंगे
सत्ता में आते ही ये फिर से देश को भूल जाएंगे
कभी जवानों, किसानों के नाम पे देशभक्ति दिखाएंगे
जो तुमने खिलाफ आवाज़ उठाई तो तुमको गद्दार ठहराएंगे
फिर से वही शोर, रैलियों में भाषण से सबको लुभाएंगे
कुछ नहीं बदलेंगें फिर भी अच्छे दिन का नारा लगाएंगे-
इस दुनिया के सभी लोगो के लिए आप अच्छे हो
बस शर्त ये है कि"आपके दिन अच्छे होने चाहिए"
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अच्छे दिन ही नहीं अच्छी यादें भी देकर जा रहा है
मेरा एक अच्छा दोस्त मुझ पर कलंक लगा कर जा रहा है
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साहब...!!
आप अपने विचारों से अपने भविष्य का निर्माण करते हैं।।-
हमारे देश में हालात सभी के बुरे ही है
फिर भी टीवी पर बतला रहे है
अच्छे दिन सबके अब आ गए है ।।।
और अच्छे दिन भी उन्ही के आए है
जिन्होंने अभी तक कुछ अच्छा काम
किया ही नहीं है !!!
चूड़ियां पहनने की सलाह देने वाले ही
आज कल मीडिया से गायब हो चुके है ???-