QUOTES ON #३

#३ quotes

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4 MAY 2019 AT 13:32

१-किस्मत ही कुछ ऐसी थी..
कि चैन से जीने की हिम्मत ना हुयी...
जिसे चाहा वो मिला नही ...
अब फिर वो मिला तो मोहब्बत पे यकीन नही ...
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#२-वो मुझसे दुर रहकर खुश है ,
ये अच्छी बात है ..
अब मै उसे खुश भी ना देख सकु ..
तो मेरी मोहब्बत कैसी...
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मुझे छोड कर वो खुश है ..
तो शिकायत कैसी ...
अब होठो पे उसके खुशी ना देखू ..
तो मेरी मोहब्बत कैसी..
.
#३- प्यार वो नही जो हासिल करने के लिये ...
कुछ भी कर दे..
प्यार तो वो है जो उसकी खुशी के लिये ..
अपनी मोहब्बत भी कुरबान कर दे..
.
#४-किसी को चाहकर छोड देना तो
बहुत असान है..
और किसी को छोड कर चाहो तो ,
पता चले 'सिद्धान्त' मेरी मोहब्बत कैसी ...!!

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3 JAN 2021 AT 17:26

उमलती कळी | घराची पणती
प्रकाशाचीज्योती |मी बालिका

प्रेमळ सोज्वळ | गोड चाफेकळी
साऱ्यात वेगळी |मी बालिका

हसरी रुसवी | अबोल लाजरी
साजिरी गोजिरी |मी बालिका

संस्कारशील मी | मी कर्तृत्ववान
आहे भाग्यवान |मी बालिका

नभीची तारका | आनंदाचा झरा
घराला सहारा |मी बालिका

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3 APR 2019 AT 17:11

एक ख्वाब मुकम्मल हो गया,
एक ख्वाब बनने से पहले छूट गया,
गैरों को मनाने चले थे हम,
अपनों से नाता तोड़ चले हम,
दो मसले हल कभी ना हुए,
ना नींद पूरी ना ख्वाब पूरे हुए,
बचा है कर्ज, वजूद खत्म हो गया,
कर्ज भरते-भरते सूद खत्म हो गया,
अपनी मर्जी का कुछ नहीं मिलता,
भागते हैं दौड़ में इनाम नहीं मिलता,
खुद को मुकम्मल कैसे समझें जिंदगी,
रोज नये ख्वाब सजाती है ये जिंदगी,
अजब सी होड़ है ख्वाब और जिंदगी में,
ख्वाब पूरे ना हुए, अधूरापन है जिंदगी में..

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3 JAN 2021 AT 8:09

ज्ञानाची देवता, संस्कारांचा अनमोल ठेवा
विद्या दात्री क्रांती ज्योति ज्ञान ज्योति
सावित्री बाई फुले यांच्या
जयंतीनिमित्त विनम्र अभिवादन
जय सत्य जय विज्ञान
जय मानवता

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3 JAN 2021 AT 10:58

फिर ख़यालोमें मेरे हाथोंमें तेरा हाथ
और लफ़्ज़ोंपर आजभी सिर्फ तेरी बात,
ये अंधेरा सुनता है रोज तेरी कहानीया
और फिर हो जाती हैं एक खामोश रात..!
❤️❤️ Vigorous_vibsss❤️❤️

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27 NOV 2020 AT 11:16

दिन ये क्यों अलग सा है , दिल ये क्यों सजग सा है
शामें भी दीवानी सी है , हाल -ए -दिल खुशनुमा सा है
ज़िंदगी के सूखे पलाश को आज , वसंत की तलाश है
ख्वाइशें फिर जाग उठी हैं , रहनुमाई सा एहसास है
जीने की नई आस है , कुछ तो बात खास है
आज थोड़ा मसखरी अंदाज हो रहा है
शायद मुझे इश्क हो रहा है
किसी ओर से नहीं, हाँ खुद से हो रहा हैं

होड़ ये किसी और से नहीं खुद से ही है,स्वयं को ही बहतर बनाना है
कल को छोड़ आज में जीना है , बीता हुआ ये ज़माना है
जीवन की मुश्किलों से डरना नहीं ,लड़ना है
रास्तों में आई बाधाओ से बिखरना नहीं, निखरना है
नहीं डरना हैं इम्तिहानों के परिणामों से
ना ही डरना हैं, अपने फैसलों के अंजाम से
जीतेंगे तो हौसला बढ़ेगा , ना जीतें तो तजुर्बा मिलेगा
आज खुल कर जीने का मन हो रहा है
शायद मुझे इश्क हो रहा है
किसी ओर से नहीं, हाँ खुद से हो रहा हैं

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2 JAN 2022 AT 7:27

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17 MAR 2017 AT 8:44

लेखन लकीरों से सजाया जाता है पर इसे कोई सीमा नहीं।
लेखन पीढ़ा भागने के लिए हो सकता है या दुःख महसूस करने के लिए।

ये हर एक प्रकार के लेखन में अनोखी शक्ति है। और किसी न किसी तरह से हम सब के जीवन में ये एक शक्ति बहुत महत्वपूर्ण है।

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3 JAN 2021 AT 23:36

काव्यातील तु फुल
गोष्टीतील तु परी ग...
दिव्यातील तु वात
तरी तु का साऱ्यांना परकी ग...

बालीका तु लाडाची
अज्ञान तु बरी ग...
सज्ञान होताच ओरबड ती
माहेरी नी सासरीही तु परकीच ग...
Madhuri P. Warwatkar

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3 JAN 2021 AT 8:17

आजही मार्ग दर्शवतात
तुमची अनमोल काव्यफुले..
देऊन विद्येची शिदोरी,
केले शिक्षणाचे आभाळ खुले..

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