"N" जो आपके नाम में छुपा है,
वो कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं,
ये तो रूह ने रूह से
मिलने की साज़िश कही।-
"धरती पर स्वर्ग"
कितना खूबसूरत नज़ारा है, जैसे बादल छाए हैं,
हरियाली की चादर ओढ़े, धरती भी मुस्काए हैं।
हवा में नमी है, जैसे प्यार की कोई ख़ुशबू,
प्रकृति गा रही है राग, हर टहनी है बंसी की धुन सी मधुर।
पेड़ों के नीचे लकड़ी का आसन,
जैसे ऋषियों का ध्यानस्थ स्थान।
चिड़ियों की चहचहाहट, फूलों की मुस्कान,
हर तरफ़ बिखरा है एक शांत, पावन गान।
ऐसा लगे, ये धरती नहीं, कोई स्वर्ग का द्वार है,
जहाँ हर साँस में सुकून और हर दृश्य में प्यार है।-
"तू है तो सब कुछ है"
तेरी मुस्कान से सुबह मेरी खिलती है,
तेरी आवाज़ से हर शाम संवरती है।
तू साथ हो तो लगता है जहाँ मेरा है,
तेरे बिना तो हर खुशी भी अधूरी सी लगती है।
तेरे स्पर्श में सुकून है, तेरे लफ़्ज़ों में जादू,
तेरे बिना लगे जैसे सब कुछ हो मगर तू ना हो काबू।
तेरा नाम लेते ही दिल मुस्कुराता है,
तेरी यादों में हर मौसम गीत गुनगुनाता है।
नज़रें ढूँढती हैं तुझे हर राह में,
तेरा ख्याल भी लगता है जैसे दुआ हो चाह में।
मैं लफ़्ज़ हूँ, तू मेरी कविता की रूह है,
प्यार क्या होता है तू उसकी पूरी खूब है।-
अगर मैं कल इस दुनिया में ना रहूँ,
तो मेरी यादें हवा में ढूँढ लेना,
जहाँ तेरी हँसी गूंजे,
वहीं मेरी रूह महसूस कर लेना।
वो चाय की प्याली जो साथ पी थी हमने,
वो सूखे फूल किताबों में जो रखे थे छुपा के,
वो सब होंगी मेरी निशानियाँ,
जैसे साँसों में रह जाए कोई कहानी।
मैं शब्दों में रहूँगा, तू कविता में पढ़ लेना,
तेरे दिल की हर धड़कन में मुझे सुन लेना।
क्योंकि जाना तो सबको है एक दिन,
पर सच्चा प्यार ही सबसे अमर निशानी बनता है।-
ना मिलन हुआ फिर भी सदीयाँ गवाही देती हैं,
राधा-कृष्ण का नाम प्रेम की परिभाषा कहती हैं।-
अब दिल नहीं वो पहले जैसा रहा,
ना धड़कनों में तेरी आवाज़ बची।
ना शामें तेरे इंतज़ार में ढलती हैं,
ना ख्वाबों में तेरी परछाईं चलती है।
अब दिल नहीं तन्हाई से डरता,
ख़ामोशियों में भी सुकून ढूंढ लेता है।
जो कभी तुझमें ही सारा जहाँ था मेरा,
अब खुद में ही एक दुनिया बसा लेता है।
अब दिल नहीं शिकायत करता तुझसे,
ना तुझे दोष देता है, ना खुद को।
बस एक मुस्कान सी रहती है चेहरे पर,
जैसे सबक़ सीखा हो उम्र भर के सबक़ को।-
चूम लूं तेरे लबों की खामोशी को,
जैसे कोई राज़ बसा हो उस नर्मी में।
तेरे पास आऊँ तो साँसें भी रुक जाएँ,
इतना असर है तेरी हर एक नज़ाकत में।
चूम लूं तेरे माथे की उस मासूम लकीर को,
जिस पर हर ख्वाब मैंने चुपचाप लिखा है।
तेरे बिना अधूरी सी लगे ये ज़िन्दगी,
तू ही तो है, जिससे हर पल मैंने जिया है।-
गुलाब की पंखुड़ियों पे जब बूँदें ठहर जाती हैं,
जैसे तेरी यादें चुपके से दिल को छू जाती हैं।-
तेरे बिना हर लम्हा अधूरा लगता है,
जैसे बिना धड़कन के कोई साज़ बजता है।
तेरी बातों में छुपा सुकून है ऐसा,
जैसे वीराने में मिले कोई झरना जैसा।
न दिन चाहिए, न रात चाहिए,
बस तेरा साथ हर बात चाहिए।
चलते रहें यूँ ही तन्हा राहों में,
जैसे चाँद संग हो अपने बाहों में।
अगर ये प्रेम है, तो सदा रहे,
तेरे मेरे बीच ये दुआ रहे।
तू बस रहे दिल के पास यूँ ही,
जैसे सांसों में एक साँस रहे।-