बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे है
हाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है-
18 DEC 2019 AT 7:08
18 DEC 2019 AT 21:22
छोड के सब लाज-के पहरे कृष्ण के रंग में रंग गये हम
लगा दो कान्हा फिर वो बंसी के सुर,जिनके हो गये हम
जय श्री कृष्णा
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15 JUL 2020 AT 14:25
राधा के प्रेम पाश में, मोहन फंसते जाते है
राधे को रिझाने, मोहन मुरली बजाते है-
23 JUN 2020 AT 10:27
किसी को नसीब से ज्यादा ना मिलता,
जो होता राधा का नसीब,
तो पत्नी का दर्जा रुक्मणी को ना मिलता।।-
6 APR 2020 AT 23:09
यहाँ नाच रहे हैं मोहन, नाच रही हैं राधा,
समझ से परे हैं, कौन कृष्ण कौन हैं राधा।-