ख़ामोश राहें जब पुकारें तुम्हें तो ज़िंदा हो तुम सीने में हो ग़र सरगोशियाँ तो ज़िंदा हो तुम आँखों से बहता हो गर्म सोता तो ज़िंदा हो तुम तड़पती हो रूह ग़र किसी की यादों से तन्हा महफ़िल में तो ज़िंदा हो तुम हो ग़र दिल दिमाग की ज़ंग बेअसर किसी पर तो ज़िंदा हो तुम हो ग़र मोहब्बत तुम्हें गर्दिश के तारों से समझना कहीं तुममे ज़िंदा हो *तुम*
लोग ज़िन्दा है.... ज से.... ज़ज़्बात और जिम्मेदारी में। ज़रूरत और ज़बरदस्ती में। ज़हन और ज़ज़्बे में। जुनून और जहाज में। ज़्यादा और ज़िक्र में। जेल और जुदाई में। कुछ तो...ज़करबर्ग के ख़्वाब में। जवानी और जन्नत में। जादू और जोश में। ज़ुबां और ज़ुल्म में। जस्टिस और ज़िद में। ज़ख्मों और ज़मीर में। ज़माने और जम्हाई में। ज़श्न ए ज़िन्दगी में।