शिव ही करुणा हैं शिव करुणानिधान भी,
शिव ही काल हैं शिव देहों में प्राण भी,
शिव ही भक्ति हैं शिव भक्ति का ज्ञान भी, शिव ही कोमल हैं शिव सर्वशक्तिमान भी,
शिव ही समाधि हैं शिव नटराज भी,
शिव ही संपूर्ण हैं शिव अर्धनारिश्वर भी,
शिव ही अंत हैं शिव आरंभ भी,
शिव ही देव हैं शिव देवों में आराध्य भी,
एसे देवादिदेव महादेव को ,
बारंबार प्रणाम है ...
Madhu dutt sharma
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