अहल-ए-सियासात से अल्फाज़ हेर फेर करने का हुनर सीखो,
चौकीदार चोर है को मैं भी चौकीदार हूँ कह रुख बदलना सीखो...
कभी वार तो कभी पलटवार करना सीखो,
15 लाख के मुक़ाबले 72 हज़ार कह बाजी पलटना सीखो....
पंचवर्षी शालीनता, सहनशीलता, विनम्रता सीखो,
गेंहू काटना, दलित के घर खाना, द्वार द्वार हाथ जोड़ना सीखो.....
गर हो थोड़ा शक़ व सुबहा धर्म,आस्था का कार्ड खेलना सीखो,
हिंदू-मुस्लिम, गाय-वाय, तलाक-वालाक, कह माहौल बनाना सीखो.....
अहल-ए-सियासात से अल्फाज़ हेर फेर करने का हुनर सीखो,
बहते पानी का रुख अपने द्वार करना सीखो.....
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