ऐ मज़दूर बता तुझे किस दिवस का दूँ बधाई तेरे लिए ही मान्यवरों ने जो दिवस बनाई खुद लगा ताला परिवार संग उसने दिवस मनाई अफसोस कि उस दिन भी तूने नीर संग आग बुझाई टपकाया पसीना भरी दोपहरी में तुझे छुट्टी न मिल पाई, ऐ मज़दूर बता तुझे किस दिवस का दूँ बधाई...
✨♦️ اللہ رب العزت آج کی ٹھنڈی مہکتی، لہلاتی، جگمگاتی اور خوشبوئیں بکھیرتی صبح اور آج کا سہانا دن آپ کے لیۓ مبارک کرے اور اپنے غیب کے خزانوں سے آپ کی تمام تر جائز خواھشات، آرزوئیں اور مرادیں پوری فرما کر آپ کو ڈھیروں خوشیاں عطا فرماۓ۔ ♦️✨ ✨♦️آمیـــــن_یاربــُـــ_العالمیـــــن ✨♦️
हम मस्त रहते अपने मस्ती में कोलाहल कहते उसे बस्ती में न माज़ी का दुख न मुस्तकबिल का फिक्र बना टोली दोस्तों की कैसे करें मज़े होता यही ज़िक्र वो कितने प्यार भरे दिन थे हम अपनी दुनिया में लीन थे।