ऐ मज़दूर
बता तुझे किस दिवस का दूँ बधाई
तेरे लिए ही
मान्यवरों ने जो दिवस बनाई
खुद लगा ताला
परिवार संग उसने दिवस मनाई
अफसोस कि
उस दिन भी तूने नीर संग आग बुझाई
टपकाया पसीना
भरी दोपहरी में तुझे छुट्टी न मिल पाई,
ऐ मज़दूर
बता तुझे किस दिवस का दूँ बधाई...-
कि गर मिल जाए तुम्हें कभी
अपनी शिद्दत भरी मेहनत से कामरानी,
तो किसी को खैरात न देना
बस दो-चार मेहनतकश को सही राह देना।-
✨♦️ Yaume Viladat Ki purkhulush Mubarakbad ♦️✨
यूँ तो इक रस्म-ए-जहाँ है सालगिरह वरना,
गुल-ए-महताब तो हर रोज़ निकलता है जहाँ में।
✨♦️ اللہ رب العزت آج کی
ٹھنڈی مہکتی، لہلاتی، جگمگاتی
اور خوشبوئیں بکھیرتی صبح
اور آج کا سہانا دن
آپ کے لیۓ مبارک کرے
اور اپنے غیب کے خزانوں سے
آپ کی تمام تر جائز خواھشات،
آرزوئیں اور مرادیں پوری
فرما کر آپ کو ڈھیروں خوشیاں
عطا فرماۓ۔ ♦️✨
✨♦️آمیـــــن_یاربــُـــ_العالمیـــــن
✨♦️-
कभी इस डाल कभी उस डाल बैठते हो,
सियासतदां!
मिसाल-ए -मुनाफ़िक़त तुझ से बेहतर है क्या?-
यूँही मौजों से लड़कर साहिल नहीं मिला,
कोई तो है जो मेरे हक़ में दुआ करता रहा।-
हम मस्त रहते अपने मस्ती में
कोलाहल कहते उसे बस्ती में
न माज़ी का दुख
न मुस्तकबिल का फिक्र
बना टोली दोस्तों की
कैसे करें मज़े होता यही ज़िक्र
वो कितने प्यार भरे दिन थे
हम अपनी दुनिया में लीन थे।-
या ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा,
वो बचपन।
नफ़रती सोच से आज़ाद,
दिलशाद थे उस दौर में हम ।।-
मुख़्लिस -true,sincere friend
एक अच्छे मुख़्लिस होते हैं,,
बे- वजह दुआओं में याद करने वाले,,-
कि ऐ चांद तू अपना क़िरदार भी
क्या ख़ूब निभाते हो,
"करवाचौथ" का कभी "ईद की चांद"
बनकर निकल आते हो।-