Tauseef Ahmad   (©Tau_سِيف(तौसीफ़)✍️)
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Joined 24 April 2018


Joined 24 April 2018
1 MAY 2023 AT 12:19

ऐ मज़दूर
बता तुझे किस दिवस का दूँ बधाई
तेरे लिए ही
मान्यवरों ने जो दिवस बनाई
खुद लगा ताला
परिवार संग उसने दिवस मनाई
अफसोस कि
उस दिन भी तूने नीर संग आग बुझाई
टपकाया पसीना
भरी दोपहरी में तुझे छुट्टी न मिल पाई,
ऐ मज़दूर
बता तुझे किस दिवस का दूँ बधाई...

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28 JAN 2023 AT 23:41

कि गर मिल जाए तुम्हें कभी
अपनी शिद्दत भरी मेहनत से कामरानी,
तो किसी को खैरात न देना
बस दो-चार मेहनतकश को सही राह देना।

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28 JAN 2023 AT 12:58

✨⁦♦️⁩ Yaume Viladat Ki purkhulush Mubarakbad ♦️⁩✨


यूँ तो इक रस्म-ए-जहाँ है सालगिरह वरना,

गुल-ए-महताब तो हर रोज़ निकलता है जहाँ में।

✨⁦♦️⁩ اللہ رب العزت آج کی
ٹھنڈی مہکتی، لہلاتی، جگمگاتی
اور خوشبوئیں بکھیرتی صبح
اور آج کا سہانا  دن
آپ کے لیۓ مبارک کرے
اور اپنے غیب کے خزانوں سے
آپ  کی تمام تر جائز خواھشات،
آرزوئیں اور مرادیں پوری
فرما کر آپ  کو ڈھیروں خوشیاں
عطا فرماۓ۔ ⁦♦️⁩✨
✨⁦♦️⁩آمیـــــن_یاربــُـــ_العالمیـــــن
✨⁦♦️⁩

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24 JAN 2023 AT 22:38

बग़ैर सदाकत, यकीं और इज़्ज़त,

नहीं रिश्ता-ए-हयात में लज़्ज़त!!

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29 NOV 2022 AT 23:38

कभी इस डाल कभी उस डाल बैठते हो,

सियासतदां!

मिसाल-ए -मुनाफ़िक़त तुझ से बेहतर है क्या?

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24 NOV 2022 AT 19:07

यूँही मौजों से लड़कर साहिल नहीं मिला,

कोई तो है जो मेरे हक़ में दुआ करता रहा।

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14 NOV 2022 AT 15:33

हम मस्त रहते अपने मस्ती में
कोलाहल कहते उसे बस्ती में
न माज़ी का दुख
न मुस्तकबिल का फिक्र
बना टोली दोस्तों की
कैसे करें मज़े होता यही ज़िक्र
वो कितने प्यार भरे दिन थे
हम अपनी दुनिया में लीन थे।

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14 NOV 2022 AT 15:27

या ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा,
वो बचपन।
नफ़रती सोच से आज़ाद,
दिलशाद थे उस दौर में हम ।।

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24 OCT 2022 AT 0:05

मुख़्लिस -true,sincere friend

एक अच्छे मुख़्लिस होते हैं,,

बे- वजह दुआओं में याद करने वाले,,

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13 OCT 2022 AT 17:17

कि ऐ चांद तू अपना क़िरदार भी
क्या ख़ूब निभाते हो,
"करवाचौथ" का कभी "ईद की चांद"
बनकर निकल आते हो।

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