हम्द
करता हूं मैं आग़ाज़ तेरे ही नाम से
मेहरबां हो नवाज़ दे मौला ईनाम से
रहमान है तु, है तु रहीम भी
आला है तेरी जात, करीम भी
तेरा करम है तो मेरी ज़िन्दगी में बहार है
कायनात तेरी अज़ीम है तु ही पालनहार है
है तेरा शुक्र मौला, तुने मुझे ज़बान दी
शऊर भी दे मुझे जो कुव्वते बयान दी
ये चांद सुरज और सितारे
हर वक्त गर्दिशों में हैं सारे
गिरते हुए को मुझे संभाल लें
तमाम गर्दिशों से निकाल लें
है कुदरत तेरी बड़ी निराली
फूल लाल, पत्ती हरी, भूरी डाली
हर सू तेरा अक़्स तेरा ही गुणगान है
मैं हूं तुच्छ प्राणी बस तु ही महान है
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